33 महीनों में 1061 रातें जेल में कैसे काटी हैं इसका दर्द बयां नहीं किया जा सकता। तीन साल मां, पत्नी और बच्चों से दूर रहने का बहुत कष्ट है। मां सिर पर हाथ रखेगी उनका आशीर्वाद लूंगा। यह बात सोमवार रात 8:15 बजे जिला कारागार से रिहा हुए सीसामऊ के पूर्व सपा विधायक इरफान सोलंकी के भाई रिजवान सोलंकी ने कही। बाहर आकर बच्चे जिनिया और मुज्जू के माथे को चूमा तो आंखों से आंसू छलक पड़े। कहा, अब एक नई जिंदगी की शुरूआत करनी है।

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जेल के बाहर रिजवान की रिहाई की जानकारी होते ही सैकड़ों कार्यकर्ताओं की भीड़ लग गई। रिहाई होती है, परिवार, दोस्त और कार्यकर्ताओं ने गले लगना शुरू कर दिया। रिजवान जेल से सबसे पहले नमाज अता करने ईदगाह पहुंचे। इसके बाद अब्बू हाजी मुश्ताक सोलंकी की कब्र पर जाकर फातिहा पढ़ा। वहां से वह परिवार के लोगों और कार्यकर्ताओं के साथ जाजमऊ डिफेंस कालोनी घर के लिए रवाना हो गए। इस मौके पर जेल के बाहर मां खुर्शीदा और पत्नी रोजी रिजवान का बेसब्री से इन्तजार करतीं दिखीं।



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