साल में सिर्फ एक बार किया था वार्ड का निरीक्षण, निलंबित
मेडिकल कॉलेज अग्निकांड की उच्चस्तरीय जांच में अवर अभियंता (विद्युत) संजीत कुमार की हद दर्जे की लापर्वाही सामने आई है। उन्होंने पिछले एक साल के दौरान एसएनसीयू वार्ड का केवल एक बार ही निरीक्षण किया था, वह भी बाल रोग विभागाध्यक्ष के अनुरोध पर। अब अवर अभियंता को निलंबित करते हुए आरोप पत्र थमा दिया गया है। मेडिकल कॉलेज के एसएनसीयू वार्ड में लगी आग का कारण शॉर्ट सर्किट को माना गया है। घटना से पहले भी वार्ड में शॉर्ट सर्किट हुआ था लेकिन इसे नजरअंदाज कर दिया गया।
स्थायी प्रधानाचार्य की तैनाती की संभावना
मेडिकल कॉलेज के प्रधानाचार्य डॉ. एनएस सेंगर को हटाए जाने के बाद अब स्थायी प्रधानाचार्य की तैनाती को लेकर चर्चा चल रही है। कॉलेज के किसी वरिष्ठ शिक्षक को कार्यवाहक प्रधानाचार्य बनाकर काम चलाया जाएगा या शासन से स्थायी प्रधानाचार्य की तैनाती होगी, इसे लेकर कयास लगाए जा रहे हैं। महारानी लक्ष्मीबाई मेडिकल कॉलेज में वर्षों से कार्यवाहक प्रधानाचार्यों से काम चलाया जा रहा है। हालांकि, चार साल पहले जरूर शासन ने डा. अनेजा को स्थायी प्रधानाचार्य बनाकर यहां भेजा था। लेकिन, बमुश्किल 10- 15 दिन ही वह यहां तैनात रहे थे।
इसके बाद उनका स्थानांतरण आगरा हो गया था। तब से डॉ. एनएस सेंगर ही कार्यवाहक प्रधानाचार्य का कार्यभार संभाले हुए थे। लेकिन, अग्निकांड की घटना के बाद उन्हें इस पद से हटा दिया गया है। माना जा रहा है कि अग्निकांड के बाद अब शासन यहां कार्यवाहक प्रधानाचार्य के भरोसे काम नहीं चलाएगा, बल्कि कॉलेज को स्थायी प्रधानाचार्य दिया जाएगा। वहीं, लोगों का यह भी मानना है कि जल्द स्थायी प्रधानाचार्य का इंतजाम करना आसान काम नहीं है। ऐसे में फिलहाल मेडिकल के किसी वरिष्ठ चिकित्सक को बतौर कार्यवाहक प्रधानाचार्य पद की जिम्मेदारी सौंपी जा सकती है। इसे लेकर दो वरिष्ठ चिकित्सकों के नाम भी चर्चा में बने हुए हैं। हालांकि, एक-दो दिन में चिकित्सा शिक्षा विभाग की ओर से प्रधानाचार्य की तैनाती की जा सकती है।





