
बिजली बिल।
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एकमुश्त समाधान योजना का समय 16 जनवरी तक बढ़ा दिया गया है। ऐसे में बकायेदार और बिजली चोरी के मामले में अब नए सिरे से पंजीयन कर इस योजना का लाभ लिया जा सकेगा। योजना में 31 दिसंबर तक ऊर्जा विभाग को 5150 करोड़ रुपये का राजस्व मिला है। उपभोक्ताओं को 1731 करोड़ रुपये की छूट मिली है।
प्रदेश में आठ नवंबर से 31 दिसंबर तक एकमुश्त समाधान योजना चलाई गई। इस दौरान उपभोक्ताओं में योजना को लेकर काफी उत्साह दिखा। लोगों के रुझान को देखते हुए पावर कारपोरेशन ने योजना की अवधि को 16 जनवरी 2024 तक बढ़ा दी है। अब उपभोक्ता 16 जनवरी तक ओटीएस के तहत छूट का लाभ ले सकेंगे। ऊर्जा मंत्री एके शर्मा ने जारी बयान में बताया कि तीनों चरणों में 31 दिसंबर तक करीब 47 लाख से अधिक उपभोक्ताओं ने योजना के तहत छूट प्राप्त किया है।
ऐसे में एक से 16 जनवरी तक के लिए योजना बढ़ा दी गई है। इस अवधि में एक किलोवाट भार तक के छोटे घरेलू उपभोक्ताओं तथा किसानों को बकाये के सरचार्ज में 80 प्रतिशत की छूट मिलेगी। विद्युत चोरी के प्रकरणों में 50 प्रतिशत की छूट, एक किलोवाट से अधिक भार वाले उपभोक्ताओं को 70 प्रतिशत, तीन किलोवाट भार तक के वाणिज्यिक उपभोक्ताओं को 60 प्रतिशत, तीन किलोवाट से अधिक भार के वाणिज्यिक उपभोक्ताओं को 40 प्रतिशत तथा निजी संस्थानों व औद्योगिक प्रतिष्ठानों को 30 प्रतिशत की छूट मिलेगी। योजना अवधि में सभी उपभोक्ताओं को किश्तों में भुगतान की भी सुविधा मिलती रहेगी।
ओटीएस बढ़ाने के लिए ऊर्जा मंत्री को दी बधाई
प्रदेश के विद्युत उपभोक्ताओं की मांग पर ऊर्जा मंत्री अरविंद कुमार शर्मा ने एकमुश्त समाधान योजना का समय 31 दिसंबर से बढ़ाकर 16 मार्च कर दिया है। इसके लिए उपभोक्ता परिषद के अध्यक्ष अवधेश कुमार वर्मा ने दोपहर बाद ऊर्जा मंत्री से मुलाकात की और उपभोक्ताओँ की ओर से आभार जताया। उपभोक्ता परिषद अध्यक्ष ने ऊर्जा मंत्री को उपभोक्ताओँ से जुड़ी विभिन्न समस्याओं की जानकारी दी। बताया कि किसानों को मुफ्त बिजली देने की घोषणा की जा चुकी है, लेकिन अभी तक आदेश जारी नहीं किया गया। इस आदेश के जारी होने से किसानों में किसी तरह का संशय नहीं रहेगा। इसी तरह घरेलू उपभोक्ताओं को आने वाले समय में नए टैरिफ में अन्य कई तरह की सुविधाएं देने पर भी चर्चा हुई। मंत्री ने आश्वासन दिया कि उपभोक्ताओं के हितों की अनदेखी नहीं होने दी जाएगी। हर उपभोक्ता की समस्या का त्वरित गति से निस्तारण किया जाएगा। इसमें लापरवाही बरतने वाले बिजली अधिकारियों के खिलाफ सख्ती की जाएगी।