UP Lok Sabha Election 2024 BJP won most reserved seats twice in last four elections

UP Lok Sabha Election 2024
– फोटो : अमर उजाला

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प्रदेश में लोकसभा की आरक्षित सीटों का मिजाज कुछ अलग होता है। चक्रव्यूह कुछ अलग होता है। मिजाज इसलिए अलग क्योंकि जो बुनियादी मुद्दों को छूता है, वही इन सीटों पर फतह हासिल करता है। इतिहास बताता है कि इन सीटों से निकला संदेश अन्य सीटों के परिणाम को भी प्रभावित करता है। इतिहास यह भी बताता है कि सत्ता के शिखर तक पहुंचाने के लिए इन सीटों ने मजबूत सीढ़ियां तैयार करने का काम किया है। जिस दल ने इन सीटों का गणित समझ लिया, उसकी नैया पार हो गई। भाजपा ने इस फॉर्मूले को समझा और पिछले दो चुनावों में सबसे ज्यादा आरक्षित सीटों पर विजय पताका फहराई। पढ़ें यह रिपोर्ट…

प्रदेश के बंटवारे से पहले यूपी में अनुसूचित वर्ग के लिए लोकसभा की (18) सीटों को आरक्षित किया गया था। उत्तराखंड बनने के बाद एक सीट कम हो गई और यूपी में कुल 17 सीटें बचीं। विभाजन के बाद वर्ष 2004 में हुए लोकसभा चुनाव में भाजपा को मात्र तीन आरक्षित सीटों पर सफलता मिली। इसमें बसपा ने 5, कांग्रेस व अन्य ने 1-1 सीट पर जीत हासिल की। 

वहीं सपा ने सबसे ज्यादा 7 सीटें जीत लीं। अहम बात यह है कि बंटवारे से ठीक पहले वर्ष 1999 में हुए लोकसभा चुनाव में भाजपा ने 7 आरक्षित सीटें जीती थीं। वहीं बसपा ने 5 सीटों पर जीत का परचम लहराया था। इन दोनों को ही वर्ष 2004 के चुनाव में तगड़ा झटका लगा। हालांकि सपा की दो सीटें बढ़ गई थीं।

पिछले चार लोकसभा चुनावों की बात करें, तो अब तक सबसे ज्यादा आरक्षित सीटें भाजपा ने जीती हैं। इन चार चुनावों को जोड़कर देखा जाए तो भाजपा ने कुल 37 सीटें जीतीं। बसपा ने 9, कांग्रेस ने 3, सपा ने 17 व दो अन्य ने इन सीटों पर जीत का परचम लहराया।

 



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