
UP Lok Sabha Election 2024
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इलेक्टोरल बॉन्ड के जरिए करीब 12 हजार करोड़ से अधिक के चुनावी चंदे को लेकर भले ही हो-हल्ला मचा हो, लेकिन चुनावी जमीन पर इस मुद्दे की फसल ज्यादा लहलहाती नहीं दिख रही है। यह मुद्दा राजनीतिक दलों के आरोप-प्रत्यारोप तक सिमट कर रह गया है।
यही वजह है कि चुनावी सीजन में बॉन्ड को ‘गरमागरम छौंक’ के रूप में देख रहे राजनीतिक दल भी जान गए हैं कि यह मुद्दा वोट में तब्दील नहीं हो पाएगा। चुनावी बॉन्ड के जरिए 1300 संस्थाओं ने 12,000 करोड़ रुपये से अधिक के बॉन्ड खरीदे।
इन बॉन्डों को 23 राजनीतिक दलों को दिया गया। इसे लेकर बहस छिड़ी है। पर, यह मुद्दा बनते नहीं दिख रहा है, जैसा कि राजनीतिक दल मान रहे थे। उद्योग और कारोबारी संगठनों के प्रतिनिधि इसके सवाल पर चुटकी लेते हुए कहते हैं…और भी गम हैं जमाने में चुनावी बॉन्ड के सिवा।