UP: Love Jihad along with religious conversion of minor and SC-ST will result in life imprisonment, bill intro

सदन में पेश किया बिल।
– फोटो : अमर उजाला

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 लव जिहाद, एससी-एसटी के धर्म परिवर्तन के बढ़ते मामलों पर अंकुश लगाने के लिए राज्य सरकार ने सख्त कदम उठाया है। सोमवार को विधानसभा में पेश किए गये उप्र विधि विरुद्ध धर्म संपरिवर्तन प्रतिषेध (संशोधन) विधेयक में धर्म परिवर्तन से जुड़े अपराधों में सजा की अवधि को बढ़ा दिया गया है। इसमें आजीवन कारावास और पांच लाख रुपये तक के जुर्माने का प्राविधान किया गया है। साथ ही, विदेशों से धर्म परिवर्तन के लिए होने वाली फंडिंग पर अंकुश लगाने के लिए भी सख्त प्राविधान किए गये हैं।

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बता दें कि संशोधन के जरिए राज्य सरकार ने वर्ष 2021 में लाए विधेयक को सजा और जुर्माने की दृष्टि से और मजबूत किया है। यदि किसी नाबालिक, दिव्यांग अथवा मानसिक रूप से दुर्बल व्यक्ति, महिला, एससी-एसटी का धर्म परिवर्तन कराता है तो उसे आजीवन कारावास और एक लाख रुपये जुर्माने से दंडित किया जा सकेगा। 

इसी तरह सामूहिक धर्म परिवर्तन पर भी आजीवन कारावास और एक लाख रुपये जुर्माने की सजा होगी। विदेशी अथवा गैरकानूनी संस्थाओं से फंडिंग हासिल करने पर 14 वर्ष तक की सजा और 10 लाख रुपये जुर्माने की सजा होगी। यदि कोई धर्म परिवर्तन कराने के आशय से किसी व्यक्ति के जीवन या संपत्ति को भय में डालता है, हमला अथवा बल प्रयोग करता है, शादी करने का वादा करता है, प्रलोभन देकर किसी नाबालिक, महिला या व्यक्ति की तस्करी करता है, तो उसके 20 वर्ष से कम सजा नहीं होगी। इसे आजीवन कारावास तक (मृत्यु होने तक) बढ़ाया जा सकेगा। इसके अलावा पीड़ित के इलाज और पुनर्वास के लिए भी जुर्माना देना होगा।

संशोधन विधेयक क्यों जरूरी

दरअसल, यह संशोधन विधेयक धर्म परिर्वतन के अपराध की संवेदनशीलता और गंभीरता के मद्देनजर लाया गया है। इससे विदेशी एवं राष्ट्र विरोधी ताकतों की संगठित साजिश को रोका जा सकेगा। इसी वजह से सजा और जुर्माने की राशि को बढ़ाने के साथ जमानत की कड़ी शर्तों के प्राविधान किए गये हैं। साथ ही नाबालिक, दिव्यांग, मानसिक रूप से अस्वस्थ लोगों को भी इस अपराध का शिकार होने से बचाया जा सकेगा।



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