
मकर संक्रांति 2025
– फोटो : Amar Ujala
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मकर संक्रांति का पर्व मंगलवार को मनाया जाना है। यह पुनर्वसु व पुष्य नक्षत्र में हो रहा है। ऐसे में गंगा स्नान अवश्य करना चाहिए।पद्मेश इंस्टीट्यूट ऑफ वैदिक साइंसेज के संस्थापक अध्यक्ष पंडित केए दुबे ने बताया कि मकर संक्रांति सुबह 8ः55 बजे शुरू होगी। स्नान व दान के लिए उचित समय सुबह से दोपहर 3ः19 बजे तक का है। इस दौरान सूर्य दर्शन महत्वपूर्ण है। उन्होंने आगे बताया कि मकर संक्रांति के साथ ही खरमास समाप्त हो जाता है। सूर्य उत्तरायण में तथा शिशिर ऋतु प्रारंभ हो जाती है। मकर संक्रांति पर ही भागीरथ के प्रयास से गंगा गंगासागर में मिली थी, जहां उनके 60 हजार पूर्वजों को गंगा स्नान से पुनः जीवन मिला था। इसी तिथि पर भीष्म पीतामह ने अपने शरीर का त्यागा था। स्नान के पश्चात् सूर्य के दर्शन करें। इसके बाद 14 वस्तुएं दान करें और भगवान को खिचड़ी अर्पित करें। राशियों के अनुसार भी दान विशेष फलदायी होता है।