UP: New rules are going to be made to decide electricity rates in the state, electricity prices will increase

बिजली के दाम।

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 प्रदेश में बिजली दर तय करने वाले नियमों में बदलाव की तैयारी है। जल्द ही इसका ड्राफ्ट जारी कर दिया जाएगा। इसकी भनक लगते ही उपभोक्ता परिषद के अध्यक्ष अवधेश कुमार वर्मा ने नियामक आयोग में याचिका दायर कर दी है। उन्होंने आयोग से उपभोक्ताओं के हितों की रक्षा की अपील की। बताया कि प्रस्तावित ड्राफ्ट में निजी घरानों को फायदा पहुंचाने के लिए ज्यादा विकल्प दिए गए हैं और बिजली दरों में बेतहाशा वृद्धि हो सकती है।

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प्रदेश के विद्युत निगमों में बिजली दर तय करने के लिए 2019 में नियम बना। यह पांच वर्ष के लिए मल्टी इयर टैरिफ (एमवाईटी) यानी बहुवर्षीय टैरिफ है। इसका कार्यकाल खत्म हो गया है। ऐसे में 2025 में नया नियम बन रहा है। नियामक आयोग इसका ड्राफ्ट जल्द ही जारी करेगा।

अवधेश कुमार वर्मा ने बृहस्पतिवार को नियामक आयोग के अध्यक्ष अरविंद कुमार व सदस्य संजय कुमार सिंह से मुलाकात कर जनहित विरोध प्रस्ताव दाखिल किया। इसमें बताया कि पावर काॅर्पोरेशन के उच्च अधिकारियों ने नए नियम के ड्राफ्ट में कई ऐसे बिंदु शामिल कर दिए हैं, जिसकी वजह से बिजली निगमों पर उपभोक्ताओं का निकलने वाला बकाया खत्म हो जाएगा। लंबे समय से निगमों पर उपभोक्ताओं का बकाया चल रहा 33122 करोड़ को डकारने की तैयारी है।

विद्युत निगमों को लेने वाले निजी घरानों को फायदा होगा और बिजली दरें बेतहाशा बढ़ जाएंगी। वर्मा ने यह भी बताया कि विद्युत निगमों एवं काॅर्पोरेशन द्वारा पांच वर्ष से बिजली दर नहीं बढ़ाने के मामले में अपीलीय प्राधिकरण में मुकदमा दायर किया गया है। ऐसे में पुराने मानक में किसी तरह की बदलाव नहीं किया जाना चाहिए। मामले की सुनवाई के बाद आयोग के अध्यक्ष अरविंद कुमार व सदस्य संजय कुमार सिंह ने उपभोक्ता परिषद के अध्यक्ष को भरोसा दिया कि उपभोक्ताओं के हितों की अनदेखी नहीं होने दी जाएगी।



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