
सपा अध्यक्ष अखिलेश यादव।
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सपा अध्यक्ष और पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने कहा कि सरकार उनके फोन की भी टैपिंग कराने की कोशिश कर रही है। संबंधित कंपनी ने संदेश भेजकर उन्हें सतर्क भी किया है। अखिलेश ने कहा कि इस मामले में वह कोई एफआईआर दर्ज नहीं कराएंगे, लेकिन इसकी उच्चस्तरीय जांच होनी चाहिए। साथ ही कहा कि पूर्व की एक सरकार (कांग्रेस) ने नेताजी (मुलायम सिंह यादव) के फोन टैप कराए थे। वह सरकार भी चली गई और यह सरकार भी चली जाएगी।
प्रदेश सपा मुख्यालय पर एक सवाल के जवाब में अखिलेश यादव ने इस तरह से फोन सर्विलांस पर लगाना लोकतंत्र को खत्म करने जैसा है। वह उनकी जासूसी करने वालों पर कोई कार्रवाई नहीं करेंगे। लेकिन, यह आंतरिक सुरक्षा के लिए खतरा है।
उन्होंने कहा कि सत्ताधारी अब विपक्षियों के फोन की जासूसी करवा रहे हैं। विपक्ष की बात सुनने से ज्यादा अच्छा तो यह है कि सत्ताधारी जनता की आवाज सुन लें। उन्हें सुधार का मौका मिल जाए और फिर महंगाई, भ्रष्टाचार, बेरोजगारी, ध्वस्त कानून व स्वास्थ्य व्यवस्था, महिला अपराध, युवाओं के रोष, गरीबों, दलितों, वंचितों, किसानों, मजदूरों के शोषण, जतीय जनगणना व सामाजिक न्याय जैसे ज्वलंत मुद्दों पर कुछ सकारात्मक काम हो सके।
अखिलेश ने कहा कि जासूसी कराने वालों के अपने दल वाले इससे ज्यादा डरे हैं। बेहतर होता कि सत्ताधारी काम करें, कान न लगाएं। उन्होंने मीडिया से कहा कि हमारी तैयारी से भाजपा के लोग घबराए हुए हैं। ये भाजपा के वही लोग हैं, जो लोगों को मिलने से पहले उन्हें साबुन से नहलाते हैं। इस देश ने वो समय भी देखा है, अगर किसी ने छू लिया तो नहा करके आते थे। छुआ हुआ खाना नहीं खाते थे।