MBBS students are not allowed of doing internship in government hospitals.

प्रतीकात्मक तस्वीर
– फोटो : अमर उजाला

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एमबीबीएस करने के बाद अब छात्र एक साल की इंटर्नशिप सरकारी अस्पतालों में नहीं कर पाएंगे। नेशनल मेडिकल कमीशन (एनएमसी) ने इस पर रोक लगा दी है। नए आदेश के तहत जिस कॉलेज से छात्र ने एमबीबीएस किया है। वहीं से इंटर्नशिप भी करनी होगी। अस्पतालों में इंटर्नशिप के लिए आने वाले छात्रों को वापस लौटाया जा रहा है। अफसर एनएमसी का हवाला देकर उन्हें वापस कर रहे हैं।

एमबीबीएस के बाद छात्रों को एक साल की इंटर्नशिप करना जरूरी है। ऐसे में छात्र अपने कॉलेज के बजाय सरकारी अस्पतालों में इंटर्नशिप करने आते थे। इसमें रूस, यूक्रेन से एमबीबीएस करने वालों समेत अन्य निजी मेडिकल कॉलेज के छात्र भी शामिल थे।

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बलरामपुर अस्पताल में एमबीबीएस इंटर्नशिप की 60 सीटें थीं। सिविल में करीब 50 सीटों पर इंटर्नशिप कराई जाती थी। अब आयुर्वेद-यूनानी व होम्योपैथिक विधा के छात्रों की ही अस्पताल में इंटर्नशिप होगी। अस्पताल प्रभारियों का कहना है कि नए छात्रों को इंटर्नशिप का मौका नहीं मिलेगा।



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