A committee will be formed to prevent dogs attacke in state.

प्रतीकात्मक तस्वीर
– फोटो : iStock

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उत्तर प्रदेश में कुत्तों के काटने से निपटने के लिए नगर विकास विभाग स्थायी रणनीति बनाएगा। इस मुद्दे को लेकर हुई बैठक में तय हुआ कि स्वास्थ्य विभाग से तालमेल करके कुत्तों के हिंसक व्यवहार से निपटने का समाधान तलाशा जाएगा।

स्वास्थ्य विभाग से कहा जाएगा कि जो भी व्यक्ति कुत्ते के काटने के बाद इंजेक्शन लगवाने आए, उसका रिकॉर्ड तैयार किया जाए। यह आंकड़ा मासिक तौर पर शहरी निकायों और शासन के साथ साझा किया जाए। इससे पता चल सकेगा कि कुत्तों के काटने की घटनाएं कहां बढ़ रही हैं। कितने मामले किस तरह के जानवरों में आ रहे हैं। इसके आधार पर आगे की नीति तैयार की जाएगी।

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लखनऊ, कानपुर, गाजियाबाद, प्रयागराज और गौतमबुद्धनगर नगर निगम के अधिकारियों ने बताया कि उनके यहां कुल मिलाकर तीन पेट शॉप पंजीकृत हैं। इन शॉप पर कुत्तों से संबंधित उपकरण व खाद्य पदार्थों की बिक्री होनी चाहिए लेकिन ये अवैध संचालित ब्रीडिंग सेंटर्स से जुड़े हैं और चोरी-छुपे कुत्तों की बिक्री में लिप्त हैं।

प्रमुख सचिव अमृत अभिजात ने कहा कि अवैध दुकानों पर कार्रवाई और गैर पंजीकृत ब्रीडिंग सेंटर्स पर एफआईआर दर्ज की जाए। बैठक में निर्देश दिया गया कि बंध्याकरण में निकाले गए अंगों की पुष्टि ऑर्गन काउंट कमिटी करेगी। इसमें भ्रष्टाचार होने पर संबंधित के खिलाफ एफआईआर करवाई जाए।

एबीसी सेंटर्स में नहीं होगा कुत्तों का इलाज

बैठक में साफ कर दिया गया है कि एनिमल बर्थ कंट्रोल (एबीसी) सेंटर पर घायल व बीमार कुत्तों का इलाज नहीं किया जाएगा। यह सेंटर केवल क्रूर और हिंसक पशुओं के इलाज के लिए हैं। कुत्तों का इलाज पशु चिकित्सा केंद्र में होगा।



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