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डीजीपी आरके विश्वकर्मा ने शातिर, माफिया, भगोड़े और जिले के टॉप-10 अपराधियों के खिलाफ आईपीसी की धारा 174ए के तहत प्रभावी कार्रवाई सुनिश्चित कराने के निर्देश दिए है।

उन्होंने बिजनौर के कुख्यात अपराधी मुनीर के केस का उदाहरण दिया, जिसे लचर पैरवी की वजह से 174ए के मुकदमे से दोषमुक्त कर दिया गया था।

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उन्होंने कहा कि ये मामला आंखें खोलने वाला है, जिसमें सारे साक्ष्य होने के बावजूद विवेचक की सामान्य त्रुटि से प्रदेश के बड़े माफिया को अदालत ने दोषमुक्त कर दिया।

डीजीपी ने इस बाबत जारी निर्देशों में कहा कि 174ए का मुकदमा दर्ज करने से पहले गैरजमानती वारंट को तामील कराने के प्रयासों, तामील न होने पर न्यायालय में कुर्की की उद्घोषणा और उससे संबंधित नियमों का पालन किया जाना सुनिश्चित कर लिया जाए।



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