राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली और प्रदेश की राजधानी लखनऊ के बीचोंबीच बसा बरेली शहर तेजी से विस्तार ले रहा है। उत्तराखंड का प्रवेश द्वार कहलाने वाला यह शहर उत्तर प्रदेश का आठवां और देश का 50वां सबसे बड़ा शहर है। आबादी के साथ ही यहां आपराधिक वारदात में भी इजाफा हो रहा है। मादक पदार्थों की तस्करी करने वालों की जड़ें यहां गहराती जा रही हैं। शहर भौगोलिक और धार्मिक रूप से भी संवेदनशील है। ऐसे में अब यहां पुलिस कमिश्नरेट व्यवस्था लागू किए जाने की दरकार है।

वर्ष 2011 की जनगणना में बरेली जिले की आबादी 44.48 लाख थी। तब 23.4 फीसदी प्रति दशक वृद्धि दर आंकी गई थी। इसके आधार पर प्रशासनिक अनुमान के मुताबिक, वर्ष 2025 में बरेली जिले की जनसंख्या 55 लाख से ज्यादा पहुंच गई है। इसमें बरेली महानगर की जनसंख्या 14.10 लाख से ज्यादा मानी गई है। बरेली नगर निगम का क्षेत्रफल 106.47 वर्ग किलोमीटर में फैला हुआ है। 

महानगर क्षेत्र, धौरेरा माफी सहित कुछ अन्य गांवों को नगर निगम की सीमा में शामिल करने का प्रस्ताव शासन को भेजा जा चुका है। पश्चिमी उत्तर प्रदेश के अन्य जिलों, उत्तराखंड और दिल्ली जाने के लिए बरेली एक प्रमुख केंद्र है।  

यह भी पढ़ें- यूपी में बड़ा हादसा: पुल पर दो बसें आमने सामने टकराईं, एक नेपाली महिला की मौत; 35 घायल, 23 की हालत गंभीर

उद्योग-धंधे 

रामगंगा नदी के तट पर बसा यह शहर बांस-बेंत के उत्पाद, जरी-जरदोजी, चीनी प्रसंस्करण, कपास ओटने व गांठ बनाने, दियासलाई, लकड़ी से तारपीन का तेल निकालने, गंध बिरोजा तैयार करने के कारखानों और सूती कपड़ों की मिलों के लिए भी अपनी अलग पहचान रखता है। 



Source link

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *