अग्निवीर भर्ती के दौरान दस्तावेजों की जांच में फर्जीवाड़ा पकड़ा गया है। सेना के मुताबिक मदरसा बोर्ड के मुंशी का सर्टिफिकेट लगाकर उम्र कम दिखाने का पहला मामला सामने आया है। अभ्यर्थियों ने उम्र और पात्रता सीमा से बचने के लिए फर्जी व मल्टीपल दस्तावेजों का सहारा लिया, लेकिन सेना की तकनीक आधारित जांच में मामला पकड़ लिया गया। 

अब तक 110 मल्टीपल डॉक्यूमेंट, 15 एनसीसी के सर्टिफिकेट के साथ ही आईटीआई के दस्तावेजों में गड़बड़ियां मिली हैं। सेना के अधिकारियों की जांच में एक युवक 21 वर्ष की सीमा से बाहर मिला था। बार-बार असफल होने के बाद उसने मदरसा बोर्ड से नए सर्टिफिकेट बनवाए और फिर यूपी बोर्ड से इंटर पास कर नया रास्ता तलाशा। 

दौड़ और प्रारंभिक चरण पास करने के बाद दस्तावेज सत्यापन में मामला पकड़ा गया। सेना ने ऐसे सभी मामलों को संबंधित विभागों को जांच के लिए भेज दिया है।

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क्या बोले अधिकारी

एनसीसी ने पिछले वर्ष से डिजिटल सर्टिफिकेट अनिवार्य कर दिए हैं। इससे कागज आधारित और संदिग्ध प्रमाण-पत्र आसानी से पकड़ में आ गए। एक-एक दस्तावेज की गहनता से जांच की गई। कई दस्तावेजों में गड़बड़ी मिली है। -कर्नल शैलेश कुमार



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