Consumers alleges setting behind irregularities in electricity bill

बिजली का बिल
– फोटो : सोशल मीडिया

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विद्युत निगम की कारस्तानी से पीलीभीत जिले के उपभोक्ता परेशान हैं। मीटर रीडर घर-घर जाकर रीडिंग नहीं ले रहे। मनमानी रीडिंग दर्ज कर बिल बना रहे हैं। यह लापरवाही या चूक नहीं है बल्कि जान बूझकर किया जा रहा है। जिन लोगों के हमेशा चार-पांच सौ रुपये के बिल आते रहे हैं, उनके पास आठ से 80 हजार के बिल पहुंच रहे हैं। लोगों का कहना है कि इसके पीछे की वजह यही है कि उपभोक्ता बिल सही कराने के लिए विभाग के चक्कर लगाएं और फिर थक-हार कर सुविधा शुल्क देकर काम कराएं।

बिजली बिल गड़बड़ आने पर जब उपभोक्ता अधिकारी के पास जाते हैं तो उन्हें जांच का आश्वासन देकर टरका दिया दाता है। जांच होती ही नहीं है। निगम के कारनामे का ही जीता जागता उदाहरण बरातबोझ गांव के मजदूर दिलीप का है। उनके यहां 85 हजार रुपये का बिल भेज दिया गया है।

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शिकायत करने आए कई उपभोक्ताओं ने तो यहां तक बताया कि विद्युत निगम में ही कुछ कर्मचारी यहां तक कहते हैं कि जब चक्कर काटकर थक जाओ तो हमारे पास आना काम करा देंगे। बात सही भी है थक-हारकर उपभोक्ता इन्हीं बाबुओं के पास जाकर इनकी जेब गर्म करके बिल सही कराते हैं। तब सारे काम फटाफट हो जाते हैं।



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