Sale of luxury vechicles increased in Uttar Pradesh, see a report

प्रतीकात्मक तस्वीर
– फोटो : BMW

विस्तार


उत्तर प्रदेश में वाहनों की बिक्री में जबर्दस्त तेजी आई है। पिछले साल की पहली छमाही की तुलना में इस साल इलेक्ट्रिक वाहनों की बिक्री दोगुना हो गई है तो महंगी लग्जरी कारों के खरीदार भी तीन गुना बढ़ गए हैं। ऑटो बाजार विशेषज्ञों का कहना है कि प्रदेश में औद्योगीकरण में तेजी और अच्छे वेतन पैकेज का असर वाहन बाजार पर साफ दिखाई दे रहा है।

ऑटो मार्केट और परिवहन विभाग की रिपोर्ट के मुताबिक पिछले साल जनवरी से जून के बीच लगभग 54 हजार इलेक्ट्रिक वाहन बिके थे। इस वर्ष इसी अवधि में करीब 1.19 लाख इलेक्ट्रिक वाहनों की बिक्री हुई। ई रिक्शा भी ताबड़तोड़ बिक रहे हैं। पिछले पूरे वर्ष में 1.31 लाख नए ई रिक्शा सड़कों पर उतरे थे। इस साल छह महीने में ही 90 हजार से ज्यादा बिक चुके हैं। ई रिक्शा कंपनियों का कहना है कि बिक्री की रफ्तार देखते हुए दिसंबर तक कम से कम 2.25 लाख ई रिक्शा बिकने का अनुमान है।

ये भी पढ़ें – मायावती ने अखिलेश को दी जन्मदिन की बधाई, सीएम योगी ने ट्वीट कर की ये कामना

ये भी पढ़ें – सपा प्रवक्ता ने अनोखे अंदाज में अखिलेश यादव को दी जन्मदिन की बधाई, वीडियो पोस्ट किया

50 लाख से ऊपर की कारों का नया रिकॉर्ड

यूपी की औद्योगिक व कारोबारी प्रगति के साथ लोगों में खर्च करने की प्रवृत्ति का ही नतीजा है कि लग्जरी कारों के शौकीनों की संख्या भी तेजी से बढ़ी है। पिछले साल जनवरी से जून के बीच इस सेगमेंट की लगभग 870 कारें बिकी थीं। इस साल छह महीने में 50 लाख रुपये या इससे ऊपर की 2,549 कारें बिक चुकी हैं। इसमें पांच करोड़ रुपये से ऊपर की तीन कारें हैं, जो यूपी की सड़कों पर दौड़ रही हैं।

सीएनजी, डीजल-पेट्रोल कारों में भी बेतहाशा तेजी

वाहन बाजार में ईंधन की महंगाई बेअसर है। पिछली छमाही की तुलना में सीएनजी वाहनों की बिक्री 40 फीसदी ज्यादा हो गई है। डीजल वाहन भी 40 हजार ज्यादा बिक चुके हैं। पेट्रोल गाड़ियों की बात करें तो पिछली छमाही में 10.36 लाख वाहन बिके थे और इस बार 13.72 लाख बिक चुके हैं। दिलचस्प बात ये है कि कैश लेनदेन पर असर पड़ा है। इसीलिए पिछले साल के मुकाबले कैश वैन की बिक्री बहुत कम है। पिछले साल 399 कैश वैन बिकी थीं। इस बार छह महीने में महज 86 कैश वैन ही बिकी हैं।

एलेरा सिक्योरिटीज के ऑटो मार्केट एक्सपर्ट जय काले का कहना है कि पिछले साल कोरोना की तीसरी लहर के अलर्ट से लोगों ने खर्च सीमित कर दिए थे। इसका असर ऑटो बाजार में दिखा। इसके अलावा यूपी में तेज होते औद्योगीकरण, स्टार्टअप और अच्छे वेतनमान के कारण भी महंगी कारों की मांग में अप्रत्याशित इजाफा हुआ है। 



Source link

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *