Uttar Pradesh is the first state who had not increased electricity prices

प्रतीकात्मक तस्वीर
– फोटो : amar ujala

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उत्तर प्रदेश लगातार चार साल तक बिजली बिल न बढ़ाने वाला पहला राज्य बन गया है। यह संभव हुआ सभी के संयुक्त प्रयास से। यह कहना है विद्युत नियामक आयोग के अध्यक्ष आरपी सिंह का। वह को नियामक आयोग में आयोजित अपने विदाई समारोह को संबोधित कर रहे थे।

पांच साल का कार्यकाल पूरा कर विदा ले रहे नियामक आयोग के अध्यक्ष आरपी सिंह ने कहा कि उन्होंने हमेशा उपभोक्ताओं के हितों की रक्षा के लिए कदम बढ़ाया। उन्होंने कहा कि उपभोक्ता परिषद ने उपभोक्ताओं के हितों के लिए समय-समय पर सुझाव दिया जिसका नतीजा रहा कि उपभोक्ताओं को निरंतर लाभ मिलता रहा। उन्होंने अपने कई फैसलों को याद करते हुए कहा कि आयोग ने रेग्यूलेटरी फ्रेमवर्क में हमेशा से अपनी जिम्मेदारी निभाई।

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उप्र राज्य विद्युत उपभोक्ता परिषद के अध्यक्ष व राज्य सलाहकार समिति के सदस्य अवधेश कुमार वर्मा ने आरपी सिंह के कार्यकाल को प्रदेश के विद्युत उपभोक्ताओं का स्वर्णिम कार्यकाल बताया।

नियामक आयोग चेयरमैन के लिए जोर आजमाइश तेज

विद्युत नियामक आयोग के अध्यक्ष आरपी सिंह के सेवानिवृत्त होने के बाद आयोग में नए अध्यक्ष की तलाश तेज हो गई हैं। इस पद के लिए ऊर्जा विभाग में रह चुके कई सेवानिवृत्त और सेवानिवृत्त होने वाले भारतीय प्रशासनिक सेवा के अधिकारियों के बीच जोर आजमाइश चल रही है। नियामक आयोग अध्यक्ष पद के लिए दर्जन भर से ज्यादा आईएएस अफसरों ने आवेदन किया है। कुछ सेवानिवृत्त होने वाले अफसर भी शामिल हैं।

खास बात यह है कि ऊर्जा विभाग में जिन लोगों ने सेवाएं दी हैं वह इसे अपनी प्राथमिकता बताते हुए नियामक आयोग अध्यक्ष पद के लिए दावेदारी कर रहे हैं। उत्तर प्रदेश से लेकर ऊर्जा मंत्रालय तक सेवा देने वाले अधिकारी भी अपनी दावेदारी ठोक रहे हैं। फिलहाल आयोग को अगले सप्ताह तक नया अध्यक्ष मिलने की उम्मीद है।



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