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सपा ने बगावत करने वाले समाजवादी लोहिया वाहिनी के पूर्व अध्यक्ष प्रदीप तिवारी समेत तीन नेताओं को निष्कासित कर दिया है। इन नेताओं ने सपा नेतृत्व पर गंभीर आरोप लगाए थे। साथ ही अगले माह अपने नए मोर्चे के गठन का एलान भी किया है।
सपा के प्रदेश अध्यक्ष नरेश उत्तम पटेल की ओर से जारी विज्ञप्ति में कहा गया है कि प्रदीप तिवारी के साथ ही समाजवादी युवजन सभा के पूर्व प्रदेश अध्यक्ष ब्रजेश यादव और सपा के टिकट पर विधानसभा चुनाव लड़ चुके पीडी तिवारी को पार्टी से निष्कासित किया जाता है। पार्टी विरोधी गतिविधियों में लिप्त होने और अनुशासनहीनता के आरोप में यह कार्रवाई की गई है। यहां बता दें कि प्रदीप तिवारी को कुछ दिनों पहले ही लोहिया वाहिनी के अध्यक्ष पद से हटाया गया है।
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उन्होंने हाल ही में कहा था कि सपा आज सिर्फ पीडीए (पिछड़े, दलित और अल्पसंख्यक) की बात कर रही है। ऐसे में सामान्य वर्ग के लोग कहां जाएंगे। पूर्व मंत्री स्वामी प्रसाद मौर्य लगातार हिंदू धर्म ग्रंथों पर टीका-टिप्पणी करके हिंदुओं की धार्मिक भावनाओं को ठेस पहुंचा रहे हैं। इन मुद्दों पर बात करने पर सपा नेतृत्व चुप रहने की चेतावनी देता है।
वहीं, बरहज (देवरिया) से 2017 में सपा के टिकट पर चुनाव लड़े पीडी तिवारी ने सपा प्रवक्ता उदयवीर सिंह पर पार्टी नेतृत्व को गलत फीडबैक देने का आरोप लगाया था। युवजन सभा के प्रदेश अध्यक्ष रहे बृजेश यादव ने कहा कि जिस भी नेता की लोकप्रियता बढ़ रही होती है, उसे सपा में किनारे लगा दिया जाता है। इन तीनों नेताओं का कहना है कि सितंबर में एक मोर्चे का गठन करेंगे, जो सपा की पोल खोलते हुए राजनीतिक क्षेत्र में आगे बढ़ेगा।
उधर, सपा सूत्रों का कहना है कि इन नेताओं को पार्टी में काफी सम्मान दिया गया। अब वे भाजपा में जाने की जुगत में हैं। इसलिए बेबुनियाद आरोप लगा रहे हैं। हालांकि, इन तीनों नेताओं ने खुद के भाजपा में जाने की अटकलों को आधारहीन बताया।