यूपी में श्रम विभाग ने शोरूम और दुकानों में काम करने वाले कर्मचारियों को भी आराम का हक दिया है। रिटेल और बिक्री स्टोर में काम करने वाले कर्मचारियों के लिए बैठने पर अघोषित प्रतिबंध है। घंटों खड़े रहने से इन कर्मचारियों के पैरों और टखनों में सूजन, पीठ के निचले हिस्से में दर्द जैसी समस्याएं आम हैं।
श्रम विभाग ने इस ज्यादती पर अंकुश लगाते हुए कर्मचारियों को आधे घंटे में दो से पांच मिनट आराम अनिवार्य किया है। बाजारों व मॉल में खुदरा एवं बिक्री स्टोर (रिटेल और सेल्स स्टोर्स) ऐसे हैं जहां कर्मचारी लंबे समय तक खड़े रहते हैं। हजारों करोड़ रुपये टर्नओवर वाली इन कंपनियों के बड़े-बड़े शोरूम में कर्मचारियों के बैठने की कोई व्यवस्था नहीं होती है।
नियमावली में किया गया संशोधन
मॉल में काम करने वाले सफाई और अन्य कर्मचारियों के लिए भी बैठना किसी अपराध से कम नही है। लंबे समय तक खड़े रहने से कर्मचारियों में दर्द, जोड़ों का दर्द, रक्त संचार जैसी कई समस्याएं तेजी से बढ़ी हैं। इसका संज्ञान लेते हुए श्रम एवं सेवायोजन विभाग ने उप्र दुकान एवं वाणिज्यिक प्रतिष्ठान नियमावली 1962 की धारा 28 (क) में संशोधन किया है।
इसके तहत दुकानों और प्रतिष्ठानों के मालिकों से बैठने की सुविधा (जैसे कुर्सी, स्टूल या बेंच) उपलब्ध कराना अनिवार्य किया गया है, ताकि कर्मचारी समय-समय पर आराम कर सकें। उन्हें आधे घंटे में 2-5 मिनट के लिए आराम अनिवार्य किया गया है। केरल और तमिलनाडु जैसे राज्यों में ऐसे कानूनी प्रावधान हैं। अब यूपी भी इस तरह के प्रगतिशील कदम उठाने में शामिल हो गया है।
महिलाओं की रात्रिकालीन पाली के समय में संशोधन का आदेश जारी
श्रम विभाग ने महिलाओं की रात्रिकालीन पाली के समय में संशोधन का आदेश भी जारी कर दिया है। पहले रात की पाली शाम 9 से सुबह 6 बजे तक थी। अब इसे संशोधित कर शाम 7 बजे से सुबह 6 बजे कर दिया गया है। इसके अलावा अब हर कर्मकार को नियुक्तिपत्र देने की व्यवस्था की गई है जो पहले नहीं थी।
