UP News : Development 'zero' in Ansal API's hi-tech township in four years

पुलिस हिरासत में प्रणव अंसल (फाइल फोटो)
– फोटो : amar ujala

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शहीद पथ पर हाइटेक टाउनशिप बसा रहे अंसल एपीआई बिल्डर ने पिछले चार साल से अधिक समय से विकास को ही ठप कर रखा है। अधूरे कामों को पूरा करने से लेकर जरूरी मेंटेनेंस तक के काम नहीं किए जा रहे हैं। बिजली घर न खुद बनाए, न इसे बनाने के लिए लेसा को जमीन दी। एसटीपी से लेकर अधूरी पड़ी सड़कें, सीवर लाइनें बनाने तक के काम रूके हुए हैं। परिणाम, जहां आवंटियों को आवास मिले। उनको सुविधाएं नहीं मिल रही हैं। जहां विकास नहीं हुआ। वहां आवंटी पैसा देने के बाद भी भूखंड या भवन नहीं पा रहे हैं।

एलडीए के सचिव पवन गंगवार का कहना है कि प्रमुख रूप से तीन बिन्दुओं पर दिक्कतें हैं। मंडलायुक्त की बनाई समिति इसकी ही जांच करेगी। एक, बिल्डर से उन आवंटियों की सूची मांगी गई है जोकि पैसा जमा करने के बाद भी अपना भूखंड या फ्लैट नहीं पा सके हैं। इसमें ईडब्ल्यूएस, एलआईजी वाले आवंटी भी शामिल हैं। दूसरा, सड़क, एसटीपी, बिजलीघर जैसी सुविधाएं अधूरी पड़ी हैं। इनको भी पूरा कराने के अलावा विवाद होने पर दूसरी जगह जमीन उपलब्ध करानी है। तीसरा, जिन गांवों की जमीनों का अधिग्रहण हुआ है। वहां सामुदायिक केंद्र बनाए जाने से लेकर अन्य विकास कार्य भी सुनिश्चित कराए जाने हैं। ये काम अनिवार्यता के बाद भी नहीं किए गए हैं।

एलडीए के रिकॉर्ड के मुताबिक अंसल एपीआई को 6465 एकड़ में हाइटेक टाउनशिप बसानी थी। इसमें से केवल 3500 एकड़ जमीन ही बिल्डर अधिग्रहित कर सका। 2022 में शासन की सहमति के बाद बिल्डर ने खुद को क्षेत्रफल घटाते हुए करीब 4500 एकड़ में विकास कार्य की अनुमति एलडीए से ली। इसकी डीपीआर अभी तक अनुमोदित नहीं हुई है। ऐसे में बिल्डर ने भी विकास कार्य शुरू नहीं कराए हैं। पूर्व में बिल्डर को 25 एमएलडी क्षमता के एसटीपी बनाने थे। अभी तक केवल पांच एमएलडी क्षमता का ही एसटीपी बना है। यह भी अभी तक उपयोगी नहीं हो सका है। जबकि, करीब 10 साल से अधिक समय से लोग टाउनशिप में रहने लगे हैं। बिजली आपूर्ति के लिए 220केवी क्षमता का बिजली बिल्डर को खुद बनाना था। वहीं 400केवी के लिए जमीन देनी थी। यह जमीन आजतक लेसा को नहीं मिल सकी है। अब एलडीए ने बिल्डर को दूसरी जगह जमीन देने के लिए कहा है।

मेंटेनेंस चार्ज नहीं वापस कर रहा अंसल

सुशांत गोल्फ सिटी आरडब्यूए के अध्यक्ष एमएल साहू का कहना है कि एक तो विकास कार्य बिल्डर पूरे नहीं करा रहा है। दूसरे, आवंटियों से मनमाने तरीके से मेंटेनेंस चार्ज भी वसूल कर रहा है। जुलाई 2022 में जिला उपभोक्ता आयोग ने आदेश कर बिल्डर को अधिक वसूल किए गए मेंटेनेंस चार्ज को वापस करने के साथ 1.90 रुपये प्रति वर्गफुट की जगह विला व भूखंड से 34 पैसा प्रति वर्गफुट की दर से लेने का आदेश किया था। वहीं फ्लैट मालिकों से भी 1.25 रुपये प्रति वर्गफुट की दर से मेंटेनेंस चार्ज लिया जाना है। इसके खिलाफ अब आयोग में शिकायत की जाएगी।

ग्रीनबेल्ट की जमीन पर एसटीपी, अब होगी जांच

गोमतीनगर विस्तार सेक्टर 7 में एमार-एमजीएफ बिल्डर की गोमती ग्रीन इंटीग्रेटेड टाउनशिप में ग्रीनबेल्ट की जमीन पर एसटीपी बनाए जाने के मामले में जांच एलडीए कराएगा। हाईकोर्ट ने एक रिट याचिका की सुनवाई के बाद एलडीए वीसी को इसकी जांच के लिए आदेश किया है। वीसी इंद्रमणि त्रिपाठी का कहना है कि जिस जमीन पर एसटीपी बनाया जा रहा है। उसके खसरा संख्या का मिलान रेवेन्यू रिकॉर्ड से किया जाएगा। इससे पता चल सकेगा कि किस जमीन पर यह निर्माण हो रहा है। इसके बाद ही पूरी हकीकत सामने आ सकेगी। इसके बाद हाईकोर्ट के आदेश के अनुपालन में कार्यवाही एलडीए करेगा।

 



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