
सांकेतिक तस्वीर
– फोटो : amar ujala
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कोरोना महामारी के कारण अनाथ हुए बच्चों के भरण-पोषण, शिक्षा, चिकित्सा की व्यवस्था की निगरानी के लिए कार्ययोजना तैयार की गई है । इसके तहत जमीनी स्तर पर सरकार द्वारा शुरू की गई मुख्यमंत्री बाल सेवा योजना की जमीनी हकीकत परखने के लिए एमआईआईएस पोर्टल की शुरूआत की जाएगी। इसका शुभारंभ अक्तूबर के पहले सप्ताह में होगा। इस पोर्टल के शुरू होने से आश्रय स्थलों में रहने वाले बच्चों के बारे पूरी जानकारी एक क्लिक में ही सामने होगी।
बता दें कि कोरोना के दौरान प्रदेश में तमाम बच्चों के माता-पिता या अभिभावकों का निधन हो गया था । उनके अनाथ बच्चों के सामने भरण-पोषण की दिक्कत आ गई थी। इसे देखते हुए मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने ‘ मुख्यमंत्री बाल सेवा योजना’ (कोविड) और मुख्यमंत्री बाल सेवा योजना (सामान्य) की शुरूआत की थी। कोविड योजना में 11049 और सामान्य योजना में 5200 अनाथ बच्चों को लाभार्थी के तौर पर पंजीकृत किया गया था। वहीं, मिशन वात्सल्य के तहत भी प्रदेश सरकार द्वारा आश्रय गृहों मे तमाम बच्चों को रखकर उनकी देखरेख, संरक्षण और उनके पुनर्वासन का काम हो रहा है।
सरकार की ओर से इन बच्चों के शिक्षा और स्वास्थ्य के लिए सरकार द्वारा धनराशि दी जा रही है। इसी कड़ी में सरकार योजना के लाभार्थी बच्चों की सतत निगरानी की भी व्यवस्था करने जा रही है। इसके लिए महिला एवं बाल विकास विभाग द्वारा एमआईएस पोर्टल तैयार किया जा रहा है। इसका परीक्षण किया जा रहा है । इस पोर्टल में दो तरह की जानकारियां मौजूद रहेंगी। जिसमें एमआईएस पोर्टल में निराश्रित बच्चों और महिलाओं की जानकारी रहेंगी वहीं मुख्यमंत्री बाल सेवा योजना के तहत सामान्य और कोविड दोनों ही बच्चों की सभी जानकारियां मौजूद रहेंगी।
विभाग के उच्चाधिकारी के मुताबिक अनाथ बच्चों की देखभाल के लिए सरकार द्वारा शुरू की गई दोनों योजनाओं के तहत रजिस्टर्ड बच्चों से जुड़ी सभी जानकारी पोर्टल पर पर मौजूद रहेगी। जिसमें उनका पता, हेल्थ कार्ड, योजना से लाभान्वित हुए बच्चों की संख्या समेत उनकी पूरी मॉनीटरिंग का पूरा ब्योरा उपलब्ध रहेगा । जिससे शासन स्तर से भी उनकी निगरानी की जा सकेगी।
शरणालयों की महिला व बच्चों की भी रहेगी जानकारी
एमआईएस पोर्टल के संचालन से अब एक क्लिक पर आश्रयगृह के बच्चों और महिलाओं की जानकारी मिल सकेगी। अब प्रदेश के सभी बालगृहों, महिला शरणालयों की पूरी जानकारी इस पोर्टल पर रहेगी। आश्रयहीन संवासियों की घर वापासी, शिक्षा, हेल्थ की जानकारी भी इस पोर्टल पर होगी । वहीं, महिला शरणालयों की महिलाओं की सभी जानकारी के साथ कौशल विकास के तहत उनको रोजगार से जोड़ने की भी जानकारी रहेगी। प्रदेश में इन महिलाओं और बच्चों की संख्या 8000 है, जिनको कौशल विकास के तहत रोजगार से जोड़ने का लक्ष्य रखा गया है।