Newly elected mayor, president and councilor will take oath on 26 and 27

मुख्यमंत्री योगी और नवनिर्वाचित महापौर
– फोटो : अमर उजाला

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राज्य निर्वाचन आयोग से नगर निकायों के निर्वाचित जनप्रतिनिधियों की अधिकारिक सूची मिलने के बाद नगर विकास विभाग ने मंगलवार को निकायों के गठन की अधिसूचना जारी कर दी है। शासन ने महापौर और अध्यक्षों के शपथ के लिए 26 और 27 अप्रैल की तिथि निर्धारित कर दी है। वहीं, शासन द्वारा निकायों के गठन की अधिसूचना जारी होने के एक महीने के भीतर पहली बैठक बुलाना अनिवार्य हो गया है। यानि हर हाल में 23 जून से पहले नगर निगमों को सदन और नगर पालिका परिषद और नगर पंचायतों को बोर्ड की बैठक करनी होगी।

प्रमुख सचिव नगर विकास अमृत अभिजात की ओर से जारी अधिसूचना के मुताबिक उप्र नगर निगम अधिनियम 1959 के अधीन महापौर, अध्यक्ष और पार्षद स्थान ग्रहण करने के लिए शपथ लेंगे। शासन की ओर से सभी मंडलायुक्तों और डीएम को शपथ ग्रहण कराने के संबंध में दिशा-निर्देश जारी कर दिए गए हैं । तय परंपरा के मुताबिक नगर निगमों में महापौर और पार्षदों को मंडलायुक्त द्वारा शपथ दिलाई जाएगी। मंडलायुक्त की अनुपस्थिति डीएम शपथ दिलाएंगे। वहीं, नगर पालिका परिषद और नगर पंचायत अध्यक्षों व पार्षदों को डीएम या उनकी अनुपस्थिति में उनके द्वारा नामित एडीएम या एसडीएम शपथ दिलाएंगे।

प्रमुख सचिव नगर विकास ने मंडलायुक्तों व डीएम को निर्देश दिया है कि निर्धारित तिथि पर जनप्रतिनिधियों को शपथ ग्रहण दिलाने के बाद इसकी सूचना शासन को उपलब्ध कराया जाए। इसके साथ ही यह भी निर्देश दिया गया है कि 23 जून तक नगर निगमों में सदन और पालिका परिषद व नगर पंचायत बोर्ड की पहली बैठक अनिवार्य रूप से करा ली जाए । इसके अलावा पहली बैठक में वर्ष 2023-24 में शहरों में कराए जाने वाले कामों की कार्ययोजना तैयार करते हुए बोर्ड की मंजूरी लेकर 30 जून तक शासन को उपलब्ध कराने के भी निर्देश दिए गए हैं। ताकि शासन स्तर से मंजूरी देकर निकायों में त्वरित गति से विकास कार्य को शुरू कराया जा सके। अधिसूचना के मुताबिक शपथ ग्रहण के बाद निकायों के खातों का संचालन अधिनियम में दी गई व्यवस्था के आधार पर करने के को कहा गया है।



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