UP News: It is necessary to give notice of 15 days before disconnection of electricity connection, Chairman sa

सांकेतिक तस्वीर
– फोटो : सोशल मीडिया

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बिजली कनेक्शन काटने से पहले 15 दिन का नोटिस देना जरूरी है। इसके बावजूद विद्युत वितरण निगम इस नियम की अनदेखी कर रहे हैं। लिहाजा इस नियम का कड़ाई से पालन कराने के लिए उपभोक्ता परिषद ने बृहस्पतिवार को उप्र विद्युत नियामक आयोग के अध्यक्ष आरपी सिंह से मिलकर लोक महत्व याचिका दायर की है। आयोग अध्यक्ष ने कहा कि इस पर सुनवाई कर जल्द आदेश जारी किया जाएगा।

विद्युत अधिनियम 2003 की धारा 56ब में स्पष्ट है कि बिजली बकाए पर कनेक्शन काटने से पहले 15 दिन का लिखित नोटिस देना होगा। इसी तरह धारा 47(5) में उपभोक्ता को प्रीपेड मीटर लेने का विकल्प है। जबकि उनके इस अधिकार की अनदेखी की जा रही है।

राज्य विद्युत उपभोक्ता परिषद के अध्यक्ष व राज्य सलाहकार समिति के सदस्य अवधेश कुमार वर्मा ने मामले में नियामक आयोग के चेयरमैन आरपी सिंह और सदस्य बीके श्रीवास्तव व संजय कुमार सिंह से मुलाकात की। लोक महत्व याचिका दाखिल करते हुए पूछा है कि बिजली कंपनियां उपभोक्ताओं से बिना विकल्प लिए क्या सभी के घर में स्मार्ट प्रीपेड मीटर लगा सकती हैं।

प्रीपेड मीटर मामले में फंसा नया पेच

पभोक्ता परिषद की ओर से लोक महत्व याचिका लगाने के बाद प्रीपेड मीटर लगाने के मामले में नया पेच फंस गया है। पिछले दिनों करीब 2.5 करोड़ स्मार्ट प्रीपेड मीटर का टेंडर जारी किया गया था। इनमें से 67 लाख स्मार्ट प्रीपेड मीटर पश्चिमांचल विद्युत वितरण निगम में लगाने को हरी झंडी दी गई। मीटर को लगाने की जिम्मेदारी इंटेली स्मार्ट कंपनी को दी गई है।

उपभोक्ता परिषद ने याचिका में यह भी पूछा है कि क्या 4जी तकनीक की प्रीपेड मीटर लगाने वाली कंपनी भविष्य में 5जी तकनीक में इसे अपग्रेड करने का खर्च खुद उठाएगी। क्योंकि उसकी पैतृक कंपनी एनर्जी एफिशिएंसी सर्विसेज लि. प्रदेश में 12 लाख स्मार्ट मीटर लगा चुकी है। उसने 2जी व 3जी तकनीक के मीटर लगाए थे। जब 4जी करने की बारी आई तो वह अतिरिक्त पैसे मांग रही है। याचिका में यह स्पष्ट करने की मांग की गई है कि अपग्रेडेशन का खर्च कौन उठाएगा।



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