UP News: Blueprint of urban facilities will be prepared on the basis of future population

सांकेतिक तस्वीर
– फोटो : अमर उजाला

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केन्द्र सरकार के निर्देश पर प्रदेश सरकार ने शहरों में रहने वाले लोगों के लिएसुविधाओं का खाका खींचने के लिए मुख्य सचिव की अध्यक्षता में एक उच्चस्तरीय समिति का गठन किया है। इस समिति में विभिन्न विभागों के अधिकारियों के साथ ही विशेषज्ञों को रखा गया है। यह समिति ही शहरों में सुविधा मुहैया कराने के लिए दीर्घकालिक रोड मैप तैयार कराएगी। यह रोडमैप 40-50 साल बाद की आबादी को ध्यान में रखकर तैयार किया जाएगा । समिति के गठन के संबंध में आवास विभाग की ओर से आदेश जारी किया गया है।

विशेष सचिव आवास उदयभान त्रिपाठी की ओर से जारी आदेश के मुताबिक इस समिति की देखरेख में ही आवास, सड़क, सिटी ट्रांसपोर्ट, पार्किंग, पार्क और मेट्रो रेल जैसी नगरीय सुविधाओं का खाका खींचा जाएगा। दरअसल केंद्र सरकार की मंशा है कि शहरों के सुनियोजित विकास के साथ ही नागरिक सुविधाएं भी बेहतर हों। इसके लिए ही पिछले दिनों केन्द्र ने सभी राज्यों को शहरी सुविधाओं की रुपरेखा तैयार करने के लिए राज्य स्तर पर विशेजषज्ञों की एक उच्चस्तरीय समिति गठित करने का निर्देश दिया था।

बता दें कि केंद्र सरकार शहरी क्षेत्रों की नीतियों, क्षमता वृद्धि, क्रियान्यन और प्रशासन के संबंध में सभी राज्यों को समिति बनाने का निर्देश दिया है। शहरी क्षेत्रों के लिए आवास विभाग को जिम्मेदारी दी गई है। आवास विभाग ने इसके लिए मुख्य सचिव की अध्यक्षता में कमेटी का गठन किया है। इसमें पर्यावरण, वन एवं जलवायु परिवर्तन, वित्त, नगर विकास, आवास, परिवहन, नियोजन, आवास विकास परिषद, जल निगम, रिमोर्ट सेंसिंग विभागों के अपर मुख्य सचिव या प्रमुख सचिव के साथ फैकल्टी ऑफ प्लानिंग सीईपीटी विश्वविद्यालय अहमदाबाद के दो प्रोफेसरों के साथ ही वर्ल्ड रिसोर्सेज इंस्टीट्यूट इंडिया केंद्र सरकार के एक अधिकारी को बतौर सदस्य नामित किया गया है।

दरअसल वर्तमान कार्यप्रणाली में किसी भी शहर के विकास और सुविधाओं के लिए योजना तैयार करते में भविष्य में आबादी का ख्यान नहीं रखा जाता है। ऐसी स्थिति में योजना के पूरा होते-होते उसमें विस्तार करने की जरूरत होने लगती है। इसे देखते हुए केन्द्र सरकार चाहती है कि शहरी सुविधाओं के लिए रोड मैप तैयार करते समय इस बात पर विशेष फोकस होना चाहिए कि इन सुविधाओं का फायदा आगले कई सालों तक नागिरिकों को मिले। इसलिए शहरों पर बढ़ते आबादी के दबाव और जरूरतों को ध्यान में रखकर ही सुविधाओं का खाका तैयार किया जाना चाहिए।



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