Officials will know the reality of the urban development schemes run by the Center and the State

मुख्यमंत्री योगी
– फोटो : अमर उजाला

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शहरी क्षेत्र में बुनियादी नागरिक सुविधाओं से संबंधित योजनाओं के क्रियान्वयन की जमीनी हकीकत जानने के लिए अब शासन स्तर के अधिकारी अब हर जिले में जाकर सही जानकारी जुटाएंगे। इसके लिए नगर विकास विभाग के प्रमुख सचिव, सचिव और स्थानीय निकाय निदेशक समेत शासन के विशेष सचिवों और निदेशालय के लिए 26 अधिकारियों को नोडल आधिकारी बनाया गया है । साथ ही सभी अधिकारियों को जिले आवंटित किए गए हैं। ये अधिकारी 6 से 8 जुलाई तक आवंटित जिलों में रहकर केन्द्र और राज्य सरकार द्वारा संचालित योजनाओं का स्थलीय निरीक्षण करेंगे और इसी आधार पर रिपोर्ट तैयार सरकार को सौंपेगे। इस संबंध में प्रमुख सचिव नगर विकास अमृत अभिजात ने आदेश जारी कर दिया है।

दरअसल प्रदेश में इस समय कुल 762 नगर निकाय हैं। इनमें 17 नगर निगम, 200 नगर पालिका परिषद और 545 नगर पंचायतें हैं । इन सभी निकायों में नागरिकों को स्वच्छ पेयजल, सफाई, जल निकासी, सड़क, सीवर, बिजली समेत अन्य सुविधा मुहैया कराने के लिए केन्द्र और राज्य सरकार द्वारा कई योजनाओं का क्रियान्वयन किया गया है। इसके अलावा शहरी क्षेत्रों में स्वच्छता सर्वेक्षण. 2023 ओडीएफ (डबल प्लस) और स्टार रेटिंग की कार्यवाही भी हो रही है । इसलिए सरकार ने तय किया है कि इन योजनाओं का स्थलीय निरीक्षण कराके जमीनी हकीकत की जानकारी जुटाई जाए। इसी उद्देश्य से सरकार ने शासन और निदेशालय स्तर के 26 अधिकारियों को नोडल अधिकारी नामित करते हुए सभी 762 नगर निकायों में संचालित योजनाओं का स्थलीय निरीक्षण कर रिपोर्ट उपलब्ध कराने को कहा है ।

इन योजनाओं का करना है निरीक्षण

स्मार्ट सिटी योजना के तहत संचालित सुविधाओं, प्रधानमंत्री आवास योजना (शहरी) के तहत बने मकानों में पेयजल, शौचालय व विद्युत की व्यवस्था, जलभराव वाले स्थानों पर जल निकासी की व्यवस्था, शुद्ध पेयजलापूर्ति, अन्त्येष्टि स्थलों का विकास, सावन मेले से संबंधित व्यवस्था, संचारी रोग के बचाव के लिए दवा आदि के छिड़काव व सफाई, प्रतिबंधित प्लास्टिक के उपयोग की स्थिति, पीएम स्वनिधि योजना के लाभार्थियों का सत्यापन, अमृत योजना (सीवरेज, पार्क विकास, पेयजल, हरित क्षेत्र), स्वच्छ भारत मिशन, डोर टू डोर कूड़ा संग्रहण व निस्तारण, वार्ड स्तर पर कूड़ेदान, कूड़ा को अलग-अलग करने की व्यवस्था, सूखे कचरे का प्रसंस्करण, वाटर बॉडिज, नाले-नालियों की सफाई , वार्ड स्तर कूड़ा संग्रहण, अधिक मात्रा में कूड़ा पैदा कराने वाले लोगों द्वारा प्रोसेसिंग की व्यवस्था, वैज्ञानिक तरीके के कूड़ा की डंपिंग (लैंड ) समेत अन्य सभी योजनाएं।

इन अधिकारियों को आवंटित जिले

नाम आवंटित जिले

अमृत अभिजात-प्रमुख सचिव अयोध्या व गाजियाबाद

डॉ. नितिन बंसल- निदेशक, स्थानीय निकाय सीतापुर, लखीमपुर व उन्नाव

सविता शुक्ला- सहायक निदेशक, स्थानीय निकाय सुल्तानपुर, आजमगढ़ व मऊ

रश्मि सिंह, सहायक निदेशक, स्थानीय निकाय लखनऊ, रायबरेली व हरदोई

पीके श्रीवास्तव- अपर निदेशक, स्थानीय निकाय बहराइच व गोंडा

अखिल सिंह- सहायक निदेशक, स्थानीय निकाय अंबेडकर नगर व बस्ती



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