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– फोटो : अमर उजाला
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बरेली की मीट कारोबारी कंपनियों मारिया फ्रोजन और रहबर फूड्स द्वारा बड़े पैमाने पर मनी लांड्रिंग करने की जांच प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) करने जा रहा है। इसके पुख्ता सुराग आयकर विभाग को मिले थे।
दोनों कंपनियों की जांच में सामने आया था कि उन्होंने अपने करीबी की मदद से कई शेल कंपनियां खोली, जिसके कर्मचारियों के नाम पर फर्जी बैंक खाते खोले गए। कर्मचारियों के नाम पर 143 करोड़ रुपये के चेक काटे गए और उन्हें भुनवाने के बाद कंपनियों की नकदी वापस कर दी गई।
बता दें कि आयकर विभाग ने दो वर्ष पूर्व मीट कारोबारियों के ठिकानों पर छापा मारा था, जिसमें बरेली की मारिया फ्रोजन और रहबर फूड्स भी शामिल थी। इस दौरान प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड के नियमों की धज्जियां उड़ाते हुए अनुमन्य 300 पशुओं की जगह रोजाना एक हजार से अधिक पशुओं की कटाने होने के पुख्ता प्रमाण मिले थे।
जब अधिकारियों ने कंपनियों के निदेशकों के मोबाइल को खंगाला तो बोगस बिल के नाम पर करोड़ों रुपये की नकदी के लेन-देन के तमाम सुबूत मिले। जांच में सामने आया कि संभल के प्रवीण रस्तोगी ने कई शेल कंपनियों को बनाया, जिसके बाद मीट कारोबारियों और मेंथा ऑयल के कारोबारियों को करीब 2200 करोड़ रुपये का फर्जी लेन-देन दर्शाया गया।