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बीसी सखियों ने बैंक को घर-घर पहुंचाने में अहम भूमिका निभाई है। इससे जहां बैंकिंग सेक्टर का ग्रामीण इलाकों में तेजी से विस्तार हुआ। वहीं, बैंकों को 27 हजार करोड़ रुपये का कारोबार मिला। यही नहीं, 39 हजार बीसी सखियों ने कमीशन के तौर पर 75 करोड़ रुपये की कमाई भी की।
सितंबर 2023 में बीसी सखियों की संख्या करीब 36 हजार थी। इन्होंने पिछले साल तक करीब 22 हजार करोड़ रुपये का बैंकिंग लेनदेन किया। सितंबर 2023 से अब तक बीसी सखियों ने करीब 5 हजार करोड़ का लेनदेन किया है। बीसी सखी कार्यक्रम की शुरुआत मई 2020 में सीएम योगी ने की थी।
कार्यक्रम का मकसद था कि ग्रामीण महिलाएं पैसे कमा सकें, हर गांव में बैंकिंग सुविधा पहुंचे और वृद्ध व महिलाओं को बैंकों की लाइन में न लगना पड़े। छह साझेदार बैंकों के सहयोग से विजनेस कॉरेस्पोंडेंट (बीसी सखी) कार्यक्रम चलाया जा रहा है।
बीसी सखी बनाने में इनको प्राथमिकता
बीसी सखी बनाने के लिए पूर्व सैनिक, पूर्व शिक्षक, पूर्व बैंक कर्मी और महिलाओं को प्राथमिकता दी जाती है। अभ्यर्थी को कंप्यूटर चलाना आना चाहिए। कोई पुलिस केस नहीं होना चाहिए। इसके लिए एक परीक्षा भी होती है।