
बसपा सुप्रीमो मायावती।
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बहुजन समाज पार्टी ने मंगलवार को लोकसभा चुनाव के प्रत्याशियों की पांचवीं सूची जारी कर दी, जिसमें वाराणसी में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का मुकाबला करने के लिए अतहर जमाल लारी को मैदान में उतारा गया है। वहीं पड़ोसी जिले जौनपुर में पूर्व सांसद धनंजय सिंह की पत्नी श्रीकला सिंह को टिकट दिया गया है।
इसके अलावा मैनपुरी का टिकट बदल दिया गया है। पार्टी ने डॉ. गुलशन देव शाक्य की जगह अब शिव प्रसाद यादव को प्रत्याशी घोषित किया है। बदायूं में मुस्लिम खां को प्रत्याशी बनाया गया है। बरेली में छोटेलाल गंगवार को टिकट दिया गया है। सुल्तानपुर में उदराज वर्मा, फर्रुखाबाद में क्रांति पांडेय, बांदा में मयंक द्विवेदी, डुमरियागंज में ख्वाजा समसुद्दीन, बलिया में लल्लन सिंह यादव और गाजीपुर में डॉ. उमेश कुमार सिंह को चुनाव मैदान में उतारा गया है। बता दें कि बसपा अब तक 55 सीटों पर प्रत्याशी घोषित कर चुकी है। पार्टी ने मथुरा और मैनपुरी में अपने प्रत्याशियों को बदला है। इनमें से 14 प्रत्याशी मुस्लिम, जबकि 11 ब्राह्मण हैं। इसके अलावा 11 सुरक्षित सीटों पर प्रत्याशी घोषित किए जा चुके हैं।
मैनपुरी – मैनपुरी में बसपा ने अपना प्रत्याशी बदला है। डॉ. गुलशन देव शाक्य की जगह अब इटावा निवासी शिव प्रसाद यादव चुनाव लड़ेंगे। वह वर्ष 2007 में इटावा की भरथना सीट से बसपा विधायक रह चुके हैं। इसके बाद वह भाजपा में चले गए थे, हालांकि वर्ष 2023 में उन्होंने भाजपा छोड़कर सर्वजन सुखाय पार्टी बना ली थी।
बदायूं – पहली बार लोकसभा चुनाव लड़ रहे पूर्व विधायक मुस्लिम खां ने सपा से अपनी सियासी पारी की शुरुआत की थी। वर्ष 2002 में वह शेखूपुर से बसपा के टिकट पर चुनाव लड़े लेकिन विधायक नहीं बन सके। वर्ष 2007 में उन्हें फतह हासिल हुई। वर्ष 2012 में बसपा से टिकट नहीं मिलने पर निर्दलीय लड़े, लेकिन हार गए। वर्ष 2022 में भी बसपा का टिकट मिला, लेकिन तीसरे स्थान पर आए।
बरेली – कुछ दिन पहले अपने समर्थकों के साथ कांग्रेस छोड़कर बसपा में शामिल हुए छोटेलाल गंगवार को बसपा ने प्रत्याशी बनाया है। वह वर्ष 2019 में टिकट की आस में कांग्रेस में शामिल हुए थे, लेकिन पार्टी ने प्रवीन सिंह ऐरन को प्रत्याशी बना दिया था। इस बार बरेली सीट गठबंधन में सपा के खाते में चली गयी। जिसके बाद उन्होंने बसपा ज्वाइन कर ली।
सुल्तानपुर – बसपा ने सुल्तानपुर में टिकट की आस लगाए बाहुबली सोनू सिंह की जगह उदराज वर्मा को प्रत्याशी बनाया है। जिला पंचायत सदस्य उदराज वर्मा का मुकाबला भाजपा प्रत्याशी मेनका गांधी से होगा। बता दें कि इस सीट पर बसपा पिछले चुनाव में दूसरे स्थान पर रही थी।
फर्रुखाबाद – छात्रसंघ चुनाव से राजनीति में कदम रखने वाले क्रांति पांडेय लंबे अर्से तक कांग्रेस में रह चुके हैं। उनके पिता भी कांग्रेस के वरिष्ठ नेताओं में शामिल थे। पेशे से व्यापारी क्रांति पांडेय के चुनाव मैदान में उतरने से फर्रुखाबाद का चुनाव दिलचस्प हो गया है। उनका मुकाबला भाजपा के मुकेश राजपूत और सपा के डॉ. नवल किशोर से होगा।
बांदा – पूर्व बसपा विधायक पुरुषोत्तम द्विवेदी के बेटे मयंक द्विवेदी ने आठ साल पहले राजनीति में कदम रखा है। जिला पंचायत सदस्य मयंक द्विवेदी को राजनीति विरासत में मिली है। उनकी पत्नी भी जिला पंचायत सदस्य हैं। इस सीट पर भी बसपा ने ब्राह्मण कार्ड खेला है। बता दें कि इस सीट पर भाजपा और सपा ने कुर्मी प्रत्याशी उतारे हैं।
डुमरियागंज – गोरखपुर में मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के खिलाफ चुनाव लड़ चुके ख्वाजा समसुद्दीन को बसपा ने डुमरियागंज से प्रत्याशी बनाया है। करीब 43 फीसद मुस्लिम आबादी वाले डुमरियागंज में भाजपा ने दो बार सांसद रह चुके जगदंबिका पाल को टिकट दिया है। बसपा द्वारा मुस्लिम कार्ड खेलने से चुनाव में बड़ा उलटफेर हो सकता है।
बलिया – बसपा ने बलिया में पूर्व फौजी लल्लन सिंह यादव को टिकट दिया है। कारगिल युद्ध लड़ चुके लल्लन सिंह मूल रूप से गाजीपुर जिले के रहने वाले हैं। उनकी कोई राजनीतिक पृष्ठभूमि नहीं है। वर्ष 2009 में बसपा से जुड़ने के बाद उन्होंने राजनीति में कदम रखा। वह बीते विधानसभा चुनाव में गाजीपुर सदर सीट से लड़ना चाहते थे, लेकिन पार्टी ने टिकट नहीं दिया था।
गाजीपुर – पेशे से वकील डॉ. उमेश कुमार सिंह ने छात्र राजनीति से शुरुआत की थी। उन्होंने छात्र युवा संघर्ष मोर्चा का गठन भी किया था। वह दिल्ली के रामलीला मैदान में अन्ना हजार के आंदोलन का हिस्सा रह चुके हैं। उन्होंने लखनऊ विश्वविद्यालय से कानून में डाक्टरेट किया है। वह सुप्रीम कोर्ट के अधिवक्ता भी रह चुके हैं।
जौनपुर – पूर्व बसपा सांसद धनंजय सिंह की पत्नी एवं जिला पंचायत अध्यक्ष श्रीकला सिंह को बसपा ने चुनाव मैदान में उतारकर जौनपुर में हलचल मचा दी है। पहले जौनपुर से धनंजय खुद चुनाव लड़ना चाहते थे, लेकिन सजा होने के बाद जेल जाने से उनकी मुश्किलें बढ़ती चली गयीं। श्रीकला के जरिए धनंजय की बसपा में दोबारा एंट्री हुई है।
वाराणसी – करीब चार दशकों से राजनीति में सक्रिय अतहर जमाल लारी को बसपा ने वाराणसी से टिकट दिया है। वह तीन बार विधानसभा और दो बार लोकसभा का चुनाव लड़ चुके हैं। वह सपा और कौमी एकता दल में भी रह चुके हैं। बसपा के मुस्लिम कार्ड खेलने से वाराणसी में कांग्रेस प्रत्याशी अजय राय की मुश्किल बढ़ सकती हैं।
