
सिटी बस
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उत्तर प्रदेश में दिव्यांग सिटी बसों में मुफ्त यात्रा कर सकेंगे। इस बारे में शासन ने नगर विकास विभाग को जरूरी निर्देश जारी कर दिए हैं। साथ ही सभी विभागों में दिव्यांगों के लिए पदोन्नति में आरक्षण के नियमों के शत-प्रतिशत पालन के भी निर्देश दिए गए हैं।
अगर किसी दिव्यांगजन के पास यूडीआईडी कार्ड (विशिष्ट पहचान पत्र) है तो उन्हें परिवहन विभाग की सामान्य बसों में बैठने से मना नहीं किया जाएगा। 80 प्रतिशत या उससे अधिक दिव्यांगता होने पर सहायक को भी साथ ले जाने की अनुमति होगी। शासन की जानकारी में आया है कि नगर विकास विभाग की बसों से दिव्यांगों को उतार दिया जाता है।
इस पर यह निर्णय लिया गया कि अगर किसी दिव्यांगजन के पास यूडीआईडी कार्ड है तो उन्हें नगर विकास विभाग की बसों (सिटी ट्रांसपोर्ट) में बैठने से मना नहीं किया जाएगा। इस संबंध में नगर विकास विभाग को अपने स्तर से सभी संबंधित अधिकारियों व बस परिचालकों को जरूरी निर्देश जारी करने के लिए कहा गया है।
इसके अलावा अगर कोई कार्मिक सेवा में आने के बाद दिव्यांग हो जाता है तो वह दिव्यांगजनों के लिए पदोन्नति में आरक्षण का लाभ पाने का हकदार होगा। 40 प्रतिशत या उससे अधिक दिव्यांगता से ग्रस्त व्यक्ति ही यह लाभ ले सकेंगे। सीधी भर्ती में भी आरक्षण के नियमों का कड़ाई से पालन करने के निर्देश दिए गए हैं।
दिव्यांग कार्मिकों को मिलेगा वाहन भत्ता
माध्यमिक शिक्षा विभाग को दृष्टिहीन शिक्षकों की भर्ती परीक्षा में राइटर उपलब्ध कराने के लिए कार्मिक विभाग के नियमों का पालन करने के निर्देश दिए गए हैं। एडेड माध्यमिक विद्यालयों में दिव्यांग कार्मिकों को वाहन भत्ता उपलब्ध कराने के लिए भी माध्यमिक शिक्षा विभाग को नियमानुसार कार्यवाही करने के लिए कहा गया है। अस्पतालों में दिव्यांगजनों के लिए ओपीडी पंजीकरण के लिए अलग लाइन की व्यवस्था के भी निर्देश दिए गए हैं।
