
निकाय चुनाव।
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वोटर लिस्ट की गड़बडिय़ों के कारण करीब दो लाख मतदाता नगर निगम 110 पार्षद और एक महापौर को चुनने के लिए अपना वोट ही नहीं डाल पाए। यह वह मतदाता हैं जो उत्साह के साथ घर से निकलकर वोट देने के लिए मतदान केंद्र तक गए मगर मायूस होकर लौटे।
प्रशासन के तमाम दावों के बाद भी वोटर लिस्ट की गड़बड़ियों से हर मतदान केंद्र पर मतदाता परेशान हुए। वोटर लिस्ट में नाम ढूंढते रहे मगर वह मिले नहीं महानगर वार्ड में आने वाले मेहंदी टोला में मतदाता सूची पुनरीक्षण में 350 नाम बढ़ाए गए थे मगर जब यहां के मतदाता सेंटफेडलिस मतदान केंद्र पर वोट डालने पहुंचे तो सूची में उनके नाम ही नहीं थे। इसकी शिकायत भी प्रत्याशी मोहम्मद सलीम ने चुनाव अधिकारी से की मगर कोई हल नहीं निकला। इसी तरह की समस्या शहर सभी मतदान केंद्रों पर दिखी।
पार्षद और महापौर चुनाव को लेकर शहर में 676 मतदान केंद्र हैं। इनमें सब पर 200 से 300 के बीच मतदाता सूची की गड़बड़ी के कारण वोट ही नहीं डाल पाए। यही हाल बालागंज वार्ड में रहा। पूर्व पार्षद पंकज पटेल ने बताया कि 200 से अधिक लोगों के नाम वोटर लिस्ट में नहीं हैं जबकि संशोधित लिस्ट में थे। जिससे अनुमान के तहत करीब दो लाख वोटर मतदान केंद्र पहुंचकर भी वोट नहीं डाल पाए। इससे नाराज लोगों ने कई केंद्रों पर प्रदर्शन कर नाराजगी भी जताई।
सूची से मतदाता नहीं, पूरे मोहल्ले के मोहल्ले गायब
निकाय चुनाव में मतदान के प्रतिशत को बढ़ाने की कोशिश उस दिन से ही शुरू हो गई जिस दिन इसकी अधिसूचना जारी हुई थी। मगर, इस कोशिश को सूची में मतदाताओं के नाम न होने की अव्यवथा ने बंटाधार कर दिया। हालात यह थे, मतदाता सूची से पूरे मोहल्ले के मोहल्ले ही गायब थे। यूनिटी कॉलेज पर फहीम ने बताया कि परिवार में आधे लोगों का नाम मतदाता सूची में और आधे गायब हैं। जबकि इस केंद्र पर विधान सभा चुनाव में पूरे परिवार ने वोट डाला था। इसी प्रकार एक्जान मॉटेसरी स्कूल केंद्र पर वोट देने आयी लक्ष्मी देवी ने बताया कि उनके पूरे परिवार के पति सहित नाम मतदाता सूची में नहीं। बेटी निधि तिवारी, अपर्णा तिवारी पहली बार वोट डालने की हसरत लेकर आयी थी, अब मायूस होकर वापस जाना पड़ रहा है। इसी प्रकार विनीत पांडेय, शाकिर अली, खैरऊन निशा का परिवार भी वोट न दे पाने के कारण मायूस हुआ। नादान महल रोड स्थित एमडी शुक्ला इंटर कॉलेज मतदान केंद्र पर जिस मोहल्ले के लोगों को वोट करना था, वह मोहल्ला ही गायब सूची से गायब था। इसमें कलाम, सैफ खान, मोहम्मद नियाज, शबनम, सोफियान, मोहम्मद आसिफ, जाहिद, वसीम खान, रूबी, सलमान, फुरकान, मोहम्मद सुहैल आदि शामिल थे।
दावे बेकार, मतदाता सूची में त्रुटियों की भरमार
प्रदेश भर में मतदाता सूची में त्रुटियां सामने आईं। राज्य निर्वाचन आयोग के सारे दावे हवा हवाई साबित हुई। सूची में खामियों के कारण कई जगह हंगामे हुए। किसी का नाम गायब मिला तो किसी का पता। एक ही नाम कई कई जगह प्रकाशित किया गया था। चंदौली में तो मतपत्र में ही सदस्य का नाम गलत प्रकाशित हो गया जहां दोबारा मतदान होगा।
इस बार राज्य निर्वाचन आयोग की व्यवस्था बेहद लचर रही। मतदाता सूची में खामियों का अंबार रहा। इस बार न एप था और न ही एसएमएस व्यवस्था। आगरा, मथुरा, फिरोजाबाद आदि में पूरे मुहल्लों के नाम ही मतदाता सूची से गायब मिलने या दूसरे क्षेत्र में जाने पर हंगामा हुआ। वाराणसी में एक ही व्यक्ति का नाम 40 से ज्यादा जगह पिता के रूप में प्रकाशित दर्शाया गया था। लखीमपुर खीरी, मथुरा, लखनऊ में भी मतदाता सूची में त्रुटियों की भरमार मिली। वाराणसी, जौनपुर, गाजीपुर और चंदौली में कई बूथों पर लोग मतदान केंद्रों पर पहुंचे तो सूची में नाम गायब मिले। ऐसे में यहां भी कई केंद्रों पर हंगामे हुए।