UP Nikay Chunav: Yogi succeeded in rehearsal of Lok Sabha, Yogi government stood the test of election

मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ।
– फोटो : amar ujala

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लोकसभा चुनाव – 2024 के पूर्वाभ्यास के रूप में लड़े गए नगरीय निकाय चुनाव में सभी 17 नगर निगम, सौ नगर पालिका परिषद और करीब दो सौ नगर पंचायतों में भगवा परचम फहराकर योगी आदित्यनाथ सरकार ने बड़ी सफलता प्राप्त की है। सभी 17 नगर निगमों में जीत हासिल कर ट्रिपल इंजन की सरकार बनाने का संकल्प भी पूरा कर दिया। निकाय चुनाव में मिली जीत के जरिये अब भाजपा लोकसभा चुनाव की जमीन तैयार कर 2024 की राह आसान कराने में जुटेगी।

प्रदेश में भाजपा ने मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के नेतृत्व में निकाय चुनाव लड़ा। हालांकि निकाय चुनाव के लिए जारी संकल्प पत्र पर पार्टी के प्रमुख चेहरों के रूप में उप मुख्यमंत्री केशव प्रसाद मौर्य, उप मुख्यमंत्री ब्रजेश पाठक और भाजपा प्रदेश अध्यक्ष भूपेंद्र सिंह चौधरी भी थे। निकाय चुनाव में भाजपा ने सभी 17 नगर निगम, जिला मुख्यालय वाली नगर पालिका परिषद के साथ प्रमुख नगर पालिका परिषद और अधिकांश नगर पंचायतों को जीतने का लक्ष्य रखा था। इस लक्ष्य को प्राप्त करने के लिए एक छोर पर सीएम योगी के नेतृत्व में पूरी सरकार जुटी वहीं प्रदेश अध्यक्ष भूपेंद्र चौधरी के नेतृत्व में पूरा संगठन जुटा। प्रत्याशी चयन से लेकर बूथ प्रबंधन की रणनीति को सफलता के साथ धरातल पर उतारा। चुनाव में सपा, बसपा, कांग्रेस के प्रभावशाली नेताओं को भगवा रंग में रंगा, वहीं अनुशासनहीनता करने वालों पर बागी का तमगा लगाकर पार्टी से बाहर का रास्ता भी दिखाया। करीब एक महीने से अधिक समय तक दिनरात चली चुनावी मशक्कत के बाद शनिवार को नतीजे भाजपा की अपेक्षा से अधिक आए।

निकाय चुनाव से बने माहौल का लोकसभा चुनाव तक लाभ उठाने के लिए भी पार्टी की रणनीति तैयार है। नवनिर्वाचित महापौर, पालिका अध्यक्ष, नगर पंचायत अध्यक्ष, पार्षद और सभासदों के स्वागत कार्यक्रमों के जरिये गली गली भगवा माहौल बनाया जाएगा।

विपक्ष को कमजोर किया

योगी सरकार और भाजपा ने कंधा से कंधा मिलाकर चुनावी अभियान को आगे बढ़ाया। हालत यह रही कि नगर निगम महापौर पद पर सपा, बसपा और कांग्रेस सहित अन्य किसी दल का खाता तक नहीं खुला। नगर पालिका परिषद में भी सपा, बसपा का प्रदर्शन 2017 से भी खराब रहा। 110 नगर पंचायत बढ़ने के बावजूद नगर पंचायतों में भी विपक्षी दलों तुलनात्मक रूप से अच्छा प्रदर्शन नहीं कर सके। राजनीतिक हल्कों में चर्चा रही कि सरकार और भाजपा की मेहनत और विपक्षी दलों के नेताओं की निष्क्रियता से विपक्ष बैसाखी पर आ गया है। इस चुनाव परिणाम से एक ओर जहां भाजपा कार्यकर्ताओं का हौंसला बढ़ेगा वहीं दूसरी ओर विपक्षी दलों के कार्यकर्ताओं को झटका लगेगा।

राष्ट्रवाद, विकास और माफिया पर वार के मुद्दे पर लगी मुहर

भाजपा ने निकाय चुनाव में राष्ट्रवाद, विकास और माफिया पर वार को मुद्द बनाया था। भाजपा ने अयोध्या में राम मंदिर निर्माण, वाराणसी में काशी विश्वनाथ धाम कॉरिडोर निर्माण, मथुरा में काशी की तर्ज पर कॉरिडोर निर्माण सहित अन्य मुद्दों से राष्ट्रवाद को धार दी। बीते छह वर्षों में स्मार्ट सिटी की उपलब्धियां बताते हुए विकास का एजेंडा पेश किया। वहीं प्रयागराज में उमेश पाल हत्याकांड के बाद दबंग व माफिया के खिलाफ ताबड़तोड़ कार्रवाई व भ्रष्टाचारियों के खिलाफ ताबड़तोड़ छापे व कार्रवाई से माफिया पर वार का मुद्दा उठाकर बेहतर कानून व्यवस्था का दावा रखा। चुनाव नतीजे बता रहे हैं कि जनता ने भाजपा के तीनों मुद्दों पर अपनी मुहर लगाई है।

पिछड़ों को साधने में सफल रहे सरकार और संगठन

निकाय चुनाव में ओबीसी आरक्षण पर इलाहाबाद उच्च न्यायालय के फैंसले ने भाजपा सरकार और संगठन को जोरदार झटका दिया था। लेकिन मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने समय रहते स्थिति को नियंत्रित कर पांच सदस्यीय अन्य पिछड़ा वर्ग आरक्षण समर्पित ओबीसी आयोग का गठन किया। आयोग से निर्धारित समय से पहले रिपोर्ट लेकर सुप्रीम कोर्ट में पेश की। सुप्रीम कोर्ट की हरी झंडी के बाद ओबीसी को नियमानुसार आरक्षण देकर चुनाव कराया गया। इससे पिछड़े वर्ग में संदेश गया कि भाजपा ने वादे के मुताबिक आरक्षण से छेड़छाड़ नहीं होने दी है। इतना ही नहीं निकाय चुनाव में सामान्य वर्ग की पालिका अध्यक्ष, नगर पंचायत अध्यक्ष, सभासद और पार्षद सीटों पर पिछड़े वर्ग के लोगों को बड़ी संख्या में टिकट देकर निर्धारित 27 फीसदी आरक्षण से ज्यादा प्रतिनिधित्व दिया। पिछड़े वर्ग में पकड़ बनाए रखने के लिए कुर्मी समाज में जलशक्ति मंत्री स्वतंत्र देव सिंह, लोधी समाज में पशुधन मंत्री धर्मपाल सिंह, जाट समाज में गन्ना विकास मंत्री चौधरी लक्ष्मीनारायण और राजभर समाज में श्रममंत्री अनिल राजभर जुटे रहे।



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