
भाजपा ने पार्षद प्रत्याशी घोषित किए
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भाजपा ने नगर निकाय चुनाव में ज्यादा से ज्यादा सीटें जीतने के लिए नामांकन के आखिरी दिन से ही चौतरफा अभियान शुरू किया है। लेकिन, भाजपा में बागी ही उसकी चिंता बने हुए हैं। नगर पालिका परिषद और नगर पंचायतों में अध्यक्ष पद का टिकट न मिलने से खफा दावेदारों और निवर्तमान अध्यक्षों ने बगावत कर पार्टी के अधिकृत प्रत्याशी के खिलाफ ताल ठोक दी है।
कहीं नेता खुद निर्दलीय मैदान में हैं तो कहीं परिवार के सदस्यों को पार्टी के खिलाफ उतारा है। कहीं-कहीं पर करीबी समर्थकों के कंधों का भी सहारा लिया है।
निकाय चुनाव के दूसरे चरण में नामांकन का सोमवार को अंतिम दिन था। भाजपा की ओर से रविवार शाम नगर पंचायत अध्यक्ष, नगर पालिका अध्यक्ष, महापौर प्रत्याशी घोषित किए गए। करीब दो महीने से टिकट की दौड़ में लगे दावेदारों को टिकट नहीं मिलने से झटका लगा।
कुछ जगह कार्यकर्ता निष्ठा दिखाते हुए पार्टी की ओर से घोषित प्रत्याशी के समर्थन में आ गए। लेकिन, काफी जगहों पर राजनीतिक वजूद को बचाने के लिए दावेदारों ने बगावत कर निर्दलीय नामांकन कर दिया तो कई जगह बसपा में चले गए। जानकारों का मानना है कि यदि समय रहते कार्यकर्ताओं को नहीं मनाया गया तो वह चुनावी गणित बिगाड़ सकते हैं।
बेटी को टिकट न मिलने से सांसद नाराज
कानपुर में सांसद सत्यदेव पचौरी बेटी नीतू सिंह के लिए टिकट मांग कर रहे थे। लेकिन भाजपा ने कानपुर नगर निगम की निवर्तमान महापौर प्रमिला पांडेय को ही प्रत्याशी बनाया है। प्रमिला ने सोमवार को नामांकन दाखिल कर दिया। नामांकन जुलूस में सांसद सत्यदेव पचौरी और उनके समर्थक नजर नहीं आए। सांसद ने कहा कि उन्हें इस संबंध में जानकारी नहीं दी गई। उनके समर्थकों ने भी दूरी बनाए रखी।