UP: Now government school children will not study sitting on the ground, furniture will come in more than 70 t

प्राइमरी स्कूलों में डेस्क-बेंच।
– फोटो : अमर उजाला।

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 प्रदेश में कक्षा एक से पांच के लाखों बच्चों को अब जमीन पर बैठकर पढ़ाई नहीं करनी पड़ेगी। इसके लिए बेसिक शिक्षा विभाग कक्षा एक से पांच के 70 हजार से अधिक स्कूलों में डेस्क-बेंच की व्यवस्था करेगा। विभाग ने इसके लिए 2000 करोड़ का बजट प्रस्ताव नए वित्तीय वर्ष 2025-26 के लिए भेजा है। इस पर मुहर लगते ही इस दिक्कत का समाधान होगा।

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बेसिक शिक्षा विभाग हाल के वर्षों में अभियान चलाकर परिषदीय स्कूलों में मूलभूत सुविधाओं का विकास कर रहा है। इसी क्रम में जिन विद्यालयों में फर्नीचर (डेस्क-बेंच) की व्यवस्था नहीं है, वहां इसकी व्यवस्था की जा रही है। प्रोजेक्ट अलंकार में भी मूलभूत सुविधाओं व स्मार्ट तकनीक से पठन-पाठन पर काफी काम हुआ है।

इसी साल जनवरी अंत में कक्षा तीन से पांच के 14452 विद्यालयों के 763117 बच्चों के लिए फर्नीचर खरीदने के लिए 130 करोड़ रुपये स्वीकृत हुए हैं। नए वित्तीय वर्ष में 70 हजार से अधिक विद्यालयों के लिए 2000 करोड़ का बजट प्रस्ताव भेजा गया है। इसमें ज्यादातर विद्यालय ग्रामीण क्षेत्रों के हैं। फर्नीचर के लिए कई बार शिक्षक संगठन भी बेसिक शिक्षा विभाग व सरकार को पत्र लिखकर मांग कर चुके हैं। वर्तमान में 17 हजार विद्यालयों में डेस्क-बेंच की पूरी व्यवस्था की जा चुकी है।

हर मंडल में सीएम कंपोजिट विद्यालय का प्रस्ताव

राज्य परियोजना निदेशालय की ओर से नए वित्तीय वर्ष में हर मंडल में सीएम कंपोजिट विद्यालय खोलने का प्रस्ताव भेजा है। इन विद्यालयों में कक्षा एक से 12 तक की पढ़ाई कराई जाएगी। इनकी क्षमता 2000 छात्रों की होगी। यहां पर आधुनिक लैब, क्लास रूम, स्किल लैब, खेलकूद के मैदान व सुविधाएं, ओपेन जिम, रेन वाटर हार्वेस्टिंग सिस्टम, मिड-डे मील के लिए आधुनिक रसोई के साथ ही डाइनिंग हॉल भी होंगे। यहां आर्ट, साइंस, मैथ्स, कॉमर्स सेक्शन अलग-अलग होंगे। ये एक मॉडल विद्यालय होंगे।



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