
फल और सब्जियां रहेंगी ताजा।
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प्रदेश में फल व सब्जियों को गामा किरणों के जरिए रेडिएशन दिया जाएगा। इससे ये सड़न से बच जाएंगी। इन्हें लंबे समय तक रखा जा सकेगा। इसके लिए लखनऊ में प्लांट स्थापित हो रहा है। यदि आलू की बात करें तो गामा रेडिएशन से प्रति किलो करीब एक रुपया अतिरिक्त खर्च आएगा।
सरकार की ओर से प्रदेश के किसानों को उनकी उपज का ज्यादा से ज्यादा मूल्य दिलाने के लिए लगातार प्रयास किया जा रहा है। इसी रणनीति के तहत प्रदेश में अब कोल्ड स्टोर (शीतगृह) की तरह है गामा रेडिएशन प्लांट स्थापित किए जाएंगे। इसके लिए पीओसीटी ग्रूप ने सरकार के साथ 500 करोड़ रुपये निवेश के लिए समझौता पत्र पर हस्ताक्षर किया है। पहले चरण में लखनऊ के नादरगंज में 200 करोड़ की लागत से गामा रेडियेशन प्लांट तैयार किया गया है। यह प्लांट दो से तीन माह में शुरू हो जाएगा। यह प्लांट 5 एमसीआई (मिलीक्यूरी) का होगा।
क्या होगा फायदा
गामा रेडिएशन प्लांट स्थापित होने से आलू, प्याज, फल, मसाला, पेट फूड, मीट प्रोडक्ट आदि को सुरक्षित रखा जा सकेगा। निर्यात के मानक पूरे होंगे और बाजार भाव बेहतर होने पर बेचा जा सकेगा। इस प्लांट में कुछ दवाएं और मेडिकल उपकरण भी रखे जा सकेंगे। यहां करीब यहां फल, सब्जी व अन्य खाद्यान को सुरक्षित रखा जा सकेगा।
बढ़ेगा फल व सब्जी निर्यात
यूएस, साउथ अफ्रीका सहित विभिन्न देश उन्हीं फल व सब्जी का निर्यात करते हैं, जो गामा रेडिएशन प्लांट से निकली हों। इसके तहत इस वर्ष प्रदेश के करीब तीन मीट्रिक टन आम हैदराबाद भेजा गया था, जहां रेडिएशन प्लांट से गुजारने के बाद उन्हें विदेश भेजा गया था। प्लांट बनने के बाद उत्तर प्रदेश की फल व सब्जियों को विभिन्न देशों तक भेजना आसान हो जाएगा।