पंचायतीराज मंत्री ओमप्रकाश राजभर ने कहा कि त्रिस्तरीय पंचायत चुनाव के तहत ग्राम पंचायतों में आरक्षण की व्यवस्था 2011 की जनगणना के आधार पर होगा। हर वर्ग के आरक्षण में 33 फीसदी सीटें महिलाओं के लिए आरक्षित होंगी। पिछले चुनाव में लागू नियमावली में निर्धारित की गई आरक्षण की रोटेशन की व्यवस्था का भी पालन होगा।

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राजभर ने शनिवार को पंचायतीराज निदेशालय में विभागीय कार्यों की समीक्षा के बाद पत्रकारों से बातचीत में कहा कि ग्राम पंचायत की जो सीट पिछली बार सामान्य, पिछड़ी, महिला या अनुसूचित जाति व जनजाति के लिए आरक्षित रही, इस बार के चक्रानुक्रम में उसकी श्रेणी में बदलाव हो सकता है। उन्होंने बताया कि जिन ग्राम पंचायतों का परिसीमन होना है, उनमें सर्वे चल रहा है। परिसीमन का कार्य पूरा होने पर आरक्षण की व्यवस्था पर विचार होगा। पंचायत चुनाव के नजरिये से कुछ गांवों में बदलाव हुआ है। पंचायत चुनाव में आरक्षण व्यवस्था को बेहतर ढंग से लागू किया जाएगा।

पंचायत चुनाव में अकेले उतरेगी सुभासपा

राजभर ने कहा कि आरक्षण के कोटे में कोटा लागू कराने के लिए वे जल्द प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से मुलाकात करेंगे। उन्होंने दावा किया कि उनकी पार्टी अकेले पंचायत चुनाव में उतरेगी। सभी जिलों में जिला पंचायत सदस्य और क्षेत्र पंचायत सदस्य और ग्राम प्रधान के पद पर चुनाव लड़ा जाएगा। गठबंधन के सवाल पर उन्होंने कहा कि पंचायत चुनाव किसी दल के सिंबल पर नहीं होता है। ऐसे में इस चुनाव में गठबंधन का सवाल नहीं है। उन्होंने दोहराया कि 2027 में पिछड़े वर्ग के सभी नेता एकजुट होकर एनडीए की सरकार बनाएंगे।

अखिलेश ने ब्राह्मणों से पूजा क्यों कराई

बैठक में राजभर ने अखिलेश यादव पर तंज कसा। उन्होंने कहा कि इटावा में कथावाचक के यादव निकलने पर हुए हंगामे पर सपा अध्यक्ष ने खूब राजनीतिक रोटियां सेकीं। ब्राह्मणों को अपमानित करने का काम सपा कार्यकर्ताओं ने किया, लेकिन आजमगढ़ में पार्टी कार्यालय, जिसका नाम पीडीए भवन रखा है, उसकी पूजा पांच ब्राह्मणों को बुलाकर ही की। इससे साफ है कि अखिलेश का पीडीए नकली है। असली पीडीए एनडीए के साथ है। कहा कि अगर अखिलेश मुसलमान हितैषी हैं तो 2027 के लिए सपा का मुख्यमंत्री मुसलमान को घोषित करें।



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