प्रदेश में बेसिक व माध्यमिक विद्यालयों में छात्रों की नियमित उपस्थिति व ड्रॉप आउट रेट कम करने के लिए विभाग की ओर से अतिरिक्त कवायद की जाएगी। इसके तहत शासन ने निर्देश दिया है कि छात्र अगर लगातार शिक्षक व प्रधानाध्यापक अध्याकों को फोन व अन्य माध्यमों से सूचित करेंगे। साथ ही इनको वापस विद्यालय लाना सुनिश्चित कराएंगे।

हाल ही में बेसिक व माध्यमिक शिक्षा विभाग के अपर मुख्य सचिव पार्थ सारथी सेन शर्मा ने विभागीय अधिकारियों की बैठक में इसे लेकर निर्देश जारी किए हैं। उन्होंने निर्देश दिया है कि बीएसए शत-प्रतिशत नामांकन सुनिश्चित कराएं। ग्रामीण क्षेत्र के आउट ऑफ स्कूल बच्चों के चिह्नांकन व शत-प्रतिशत नामांकन के लिए शिक्षक, विद्यालय प्रबंधन समिति व आंगनबाड़ी कार्यकर्ता आदि से समन्वय करते हुए कार्य योजना बनाकर काम करें।

उन्होंने कहा कि विद्यालयों में कक्षा पांच से छह, आठ से नौ और 10वीं से 11वीं क्लास में छात्रों का नामांकन बहुत महत्वपूर्ण चरण होता है। विद्यालयों के शिक्षकों द्वारा ऐसे छात्रों को चिह्नित किया जाए जिन्होंने किसी विद्यालय में प्रवेश नहीं लिया है। इनका भी नामांकन कराया जाए। बता दें कि पिछले साल की अपेक्षा इस साल लगभग पांच लाख बच्चे ड्रॉप बॉक्स में हैं। इनके पोर्टल पर नामांकन पर काफी जोर दिया जा रहा है।

अपर मुख्य सचिव ने निर्देश दिया है कि जिलों में चयनित एजेंसी, आपूर्तिकर्ता द्वारा दिए गए बिलों का 15 दिन के अंदर नियमानुसार भुगतान की कार्यवाही की जाए। ऐसा न करने पर दोषी अधिकारियों के विरूद्ध कार्यवाही की जाएगी। इसी क्रम में प्रबंध पोर्टल पर हर महीने की एक से पांच तारीख तक व्यय विवरण जरूर अपलोड किया जाए। पीएमश्री योजना में खर्च की प्रगति काफी कम है, इसे भी बढ़ाया जाए।

इन पर दें विशेष ध्यान

अपर मुख्य सचिव ने निर्देश दिया है कि समग्र शिक्षा में निर्माण कार्य, स्पोर्ट्स ग्रांट, कंपोजिट ग्रांट, केजीबीवी, पाठ्यपुस्तकों के भुगतान पर विशेष ध्यान दिया जाए। उन्होंने कहा कि राज्य परियोजना कार्यालय सभी बीएसए की इन मद की समीक्षा करे। केजीबीवी में खाली पदों पर शत-प्रतिशत चयन की प्रक्रिया पूरी की जाए।



Source link

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *