UP Police should investigate the closed gang rape case, the case was closed by presenting a fake woman.

अदालत का फैसला।
– फोटो : अमर उजाला।

विस्तार


इलाहाबाद हाईकोर्ट ने यूपी पुलिस को सामूहिक दुष्कर्म पीड़िता की शिकायत पर आपराधिक मामला दर्ज कर जांच करने का निर्देश दिया है। पीड़िता ने आरोप लगाया था कि आरोपी ने ट्रायल कोर्ट के समक्ष जालसाजी कर एक फर्जी महिला को पेश किया। साथ ही हलफनामा दिया कि इस मामले को बंद करने में कोई आपत्ति नहीं है। न्यायमूर्ति सौरभ श्याम शमशेरी की कोर्ट ने कहा कि ट्रायल कोर्ट के समक्ष एक गंभीर अपराध किया गया था। इसलिए इसकी गहन पुलिस जांच की आवश्यकता है।

मुरादाबाद निवासी पीड़िता ने 2021 में आरोपियों के खिलाफ सामूहिक दुष्कर्म का मामला दर्ज कराया था। पुलिस ने मामले में अंतिम रिपोर्ट दाखिल की, जिसे 2022 में ट्रायल कोर्ट ने स्वीकार कर ली। इस दौरान पीड़िता ने एफआईआर के लिए शिकायत दर्ज कराई। इसमें आरोप लगाया कि अंतिम रिपोर्ट पर उसे कोई नोटिस जारी नहीं किया गया। आरोपियों ने ट्रायल कोर्ट के सामने एक फर्जी दुष्कर्म पीड़िता को पेश कर मुकदमे को समाप्त करने के लिए हलफनामा दायर किया है।

याची के वकील ने हाईकोर्ट के समक्ष दलील दी कि सामूहिक दुष्कर्म मामले में अंतिम रिपोर्ट की स्वीकृति को आपराधिक पुनरीक्षण के माध्यम से चुनौती दी गई है। कथित जालसाजी मामले में एफआईआर दर्ज कर जांच की जाए। वहीं, जालसाजी मामले में राज्य और आरोपी के वकील ने कहा कि इसमें किसी हस्तक्षेप की आवश्यकता नहीं है।

अदालत ने पीड़िता के वकील से सहमति जताते हुए कहा कि मामला संज्ञेय अपराध का है। इसलिए पुलिस को प्राथमिकी दर्ज करनी चाहिए थी। न्यायालय ने पुलिस को पीड़िता की शिकायत के आधार पर प्राथमिकी दर्ज करने और कानून के अनुसार आगे की जांच करने का निर्देश दिया।



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