UP Politics: Akhilesh Yadav and Mayawati's statements are talk of the town in political circle.

मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ, अखिलेश यादव व मायावती।
– फोटो : amar ujala

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सपा और बसपा के प्रमुखों के बीच चले आभार व धन्यवाद ने प्रदेश के सियासी गलियारों में नई अटकलों को हवा दे दी है। इसे सपा-बसपा के बीच तल्खी कम होना ही नहीं, बल्कि प्रदेश में बनने वाले नए समीकरणों के तौर पर भी देखा जा रहा है। भाजपा का मानना है कि दोनों दलों के बीच ये नरमी बेवजह नहीं है। दोनों दलों के बीच पनपा ये प्रेम आने वाले समय में भाजपा के लिए परेशानी की वजह बन सकता है।

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राजनीतिक विश्लेषक भी दो धुर-विरोधी दलों के बीच शुरू हुए संवाद को प्रदेश की सियासत में नए पदचाप के तौर पर देख रहे हैं। माना जा रहा है कि भाजपा के एक विधायक के बयान पर सपा प्रमुख अखिलेश यादव की प्रतिक्रिया और फिर बसपा अध्यक्ष मायावती का उस पर आभार जताना शिष्टाचार भर नहीं है। सवाल उठ रहा है कि क्या फिर यूपी की राजनीति नया मोड़ लेने वाली है।

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बसपा प्रमुख ने सपा या कांग्रेस के साथ गठबंधन से इन्कार तो किया है, लेकिन विश्लेषकों का कहना है कि राजनीति में कुछ भी संभव है। लोकसभा चुनाव 2024 के नतीजों और यूपी में बने हालात को देखते हुए अखिलेश व मायावती के बीच संवाद को दोनों दलों के बीच तल्खी कम होने के संकेत के तौर पर देखा जा रहा है। अटकलें लगने लगी हैं कि यूपी में इंडिया गठबंधन का विस्तार होने जा रहा है।

कैसे शुरू हुआ सपा-बसपा में संवाद

मथुरा की मांट सीट से भाजपा के विधायक और पार्टी प्रवक्ता राजेश चौधरी ने मायावती के खिलाफ बयान दिया। इस पर अखिलेश यादव ने आपत्ति जताई। फिर मायावती ने उनको धन्यवाद किया। इसके बाद अखिलेश ने आभार जताया। यही नहीं, मायावती ने अखिलेश के बयान को अपने ईमानदार होने का प्रमाण बताते हुए भाजपा विधायक के खिलाफ कार्रवाई की मांग की।



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