
ई-वाहन चार्जिंग प्वाइंट
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प्रदेश में ई-वाहनों के प्रोत्साहन के लिए आवंटित 404 करोड़ रुपये धरे रह गए। सब्सिडी राशि खर्च करने की समय सीमा बीत गई। अब इस योजना को चार साल और बढ़ाने की तैयारी है। ई-वाहनों को प्रोत्साहन देने के लिए सब्सिडी योजना 2022 में शुरू की गई थी। इसके लिए यूपी इलेक्ट्रिक वाहन विनिर्माण एवं गतिशीलता नीति की अधिसूचना जारी होने की तिथि 14 अक्टूबर 2022 से 1 वर्ष की अवधि (13 अक्तूबर, 2023) के दौरान प्रारंभिक प्रोत्साहन के रूप में क्रय सब्सिडी दी जानी थी। यह समय सीमा बीत चुकी है।
एक वर्ष में विभिन्न श्रेणी के 2,56,400 वाहनों को अनुदान देने का लक्ष्य था। पांच जनवरी, 2024 तक 33,908 वाहन पंजीकृत हुए। इनमें सब्सिडी के लिए 14,492 आवेदन आए, जिसके सापेक्ष खर्च सिर्फ 36.03 करोड़ रुपये हो सकते हैं और फिलहाल 16.68 करोड़ ही अनुदान स्वीकृत हुए हैं। बजट में सब्सिडी के लिए 440 करोड़ रुपये की व्यवस्था की गई थी। सूत्रों का कहना है कि स्वीकृत सब्सिडी खर्च करने के लिए दो विकल्पों पर विचार किया गया है। पहला, नीति को अगले चार साल तक के लिए बढ़ा दी जाए। दूसरा, स्वीकृत राशि खर्च होने तक समयसीमा बढ़ा दी जाए। सरकार दोनों विकल्पों में से जो पहले पूरी हो, डेडलाइन तय कर सकती है। हालांकि इसका निर्णय मुख्यमंत्री के स्तर से होगा। इसके लिए कार्यवाही शुरू हो गई है।
ई-वाहनों में 88% तिपहिया, पर अनुदान से बाहर
परिवहन विभाग द्वारा 12 मई, 2023 द्वारा उपलब्ध कराए गए आंकड़ों के अनुसार तीन पहिया वाहनों की संख्या कुल वाहनों की संख्या का 88% है। ऐसे में विभाग ने शासन से तिपहिया वाहनों को सब्सिडी देने के बारे में मार्गदर्शन मांगा था। पर शासन ने 10 जुलाई, 2023 को तीन पहिया को छोड़कर अन्य सभी श्रेणी के वाहनों को नीति के अनुसार सब्सिडी देने पर सहमति दी।
