सहारा इंडिया की ओर से कर्मचारियों के पीएफ के 1180 करोड़ रुपये न जमा किए जाने के मामले में ईपीएफओ विभाग ने सख्ती दिखाई है। मामले में सहारा इंडिया की संपत्तियों की कुर्की का आदेश जारी किया गया है। ईपीएफओ की ओर से एलडीए, नगर निगम, तहसील प्रशासन और अन्य विभागों को आदेश की प्रति भेजकर कहा गया है कि सहारा की किसी संपत्ति पर लेनदेन बाद की बात है, इस पर सबसे पहले कर्मचारियों के बकाए की वसूली सुनिश्चित कराई जाए।
सहारा इंडिया के खिलाफ निवेशकों का पैसा हड़पने के मामले में पहले से ही जांच चल रही है। ईपीएफओ के रिकवरी विभाग की ओर से 15 अक्तूबर को जारी आदेश में कहा गया है कि सहारा इंडिया भवन, कपूरथला कॉम्प्लेक्स, अलीगंज समेत अन्य संपत्तियों को न तो बेचा जा सकेगा, न ही गिरवी या ट्रांसफर किया जा सकेगा। क्योंकि इन संपत्तियों पर कर्मचारियों का पहला हक है जो किसी और को नहीं मिलना चाहिए।
ईपीएफ अधिनियम 1952 की धारा 11(2) के तहत कर्मचारियों की भविष्य निधि की राशि पर पहला अधिकार उन्हीं का बनता है जिन्होंने कंपनी में सेवाएं दी हैं। अन्य देनदारी निपटाने से पहले यह पैसा कर्मचारियों के हक में वसूला जाए। सहारा इंडिया पर 11,79,10,69,689.70 रुपये की मूल बकाया राशि और 68,050 रुपये वसूली लागत के रूप में कुल 11,79,11,37,739.70 की देनदारी है।
यह वसूली प्रमाणपत्र संख्या यूपी लखनऊ412/0013539/06/04/2021/501/35/124302 के तहत दर्ज की गई थी, जिस पर अब ब्याज समेत वसूली की कार्रवाई शुरू की गई है। ईपीएफओ ने बकाये के मद्देनजर अब अचल संपत्ति की कुर्की का आदेश जारी किया है।
