सुबह 10.52 पर यूपी के सीतापुर के जिला अस्पताल गेट पर डीएम व एसपी डिप्टी सीएम बृजेश पाठक का इंतजार कर रहे थे। दो मिनट बाद डिप्टी सीएम का काफिला पहुंचा तो अफसर अलर्ट हो गए। डिप्टी सीएम पर्चा काउंटर पर लगी लाइन देखकर सीधे मरीजों के बीच पहुंच गए। सीएमएस ने पूछा कितने काउंटर है तो बोले सर तीन.. तो वह मैनपॉवर खिड़की छाककर गिरने लगे। सीएमएस से कहा भीड़ बहुत है इसलिए कम से कम पांच काउंटर बनाएं। मरीज जोर से चिल्लाएं साहब बाहर से दवा लिखी जाती है। एक रुपये का पर्चा 50 रुपये में बनता है। इससे डिप्टी सीएम बेहद नाराज दिखे। ऐसी समस्या कई मरीजों ने बताई।
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करीब 10 मिनट मरीजों से बात करने के बाद सीधे वह इमरजेंसी कक्ष की तरफ पहुंचे तो आंख उठाकर ऊपर देखी तो एक्जॉस्ट फैन का केवल फेम लगा था। सीएमएस से कहा पंखा कहां है तो वह नहीं बता पाए। गेट के पास ही अग्रिशमन सिलिंडर लगा था। इस पर एक्सपायर्ड तिथि अंकित थी तो दूसरी पर नहीं थी। मंत्री ने कई बार सिलिंडर इधर-उधर घुमाया, लेकिन डेट नहीं दिखी। प्रभारी मंत्री मंयकेश्वर शरण सिंह भी सिलिंडर पलटते रहे। उसके बाद इमरजेंसी में अंदर जाकर मरीजों से हालचाल लिया। 10 मिनट बाद वह इमरजेंसी भर्ती कक्ष में पहुंचे तो एसी देखी तो वह बंद मिली।
सीएमएस से पूछा यह कैसे बंद है तो सीएमएस सिस्टर-सिस्टर कहकर आवाज लगाने लगे। लेकिन जवाब नहीं दे पाए। इसी वार्ड में भर्ती एक बच्चे को देखकर कहां कि इसे चिल्ड्रेन वार्ड में भर्ती कराओ। 15 मिनट बाद वह मीटिंग के लिए आयुष कक्ष की तरफ निकले तो पैथालॉजी का इमरजेंसी गेट बंद था। सीएमएस से पूछा तो बोले सर दूसरी तरफ खुलता है। डिप्टी सीएम ने कहा कि इमरजेंसी गेट है तो कम से कम इसे खोलते रहिए। जिससे जरूरत पर इसे खुलवाया जा सकें। इसके कुछ ही देर बाद गेट को खोल दिया गया।