प्रदेश के परिषदीय विद्यालयों में शैक्षिक सत्र 2025-26 की प्रथम सत्रीय परीक्षा सोमवार 25 अगस्त से शुरू हो रही हैं। हालांकि शिक्षकों की एक तरफ बीएलओ ड्यूटी लग रही है तो दूसरी तरफ राज्य शैक्षिक एवं अनुसंधान परिषद (एससीईआरटी) की ओर से मूलभूत साक्षरता व संख्यातमकता (एफएलएन) की ट्रेनिंग भी कराई जा रही है।

परिषदीय स्कूलों में यह परीक्षा पहले 18 से 23 अगस्त तक कराये जाने के निर्देश दिए गए थे। बाद में स्कूलों की विलय प्रक्रिया में समय लगने के कारण इसको संशोधित करते हुए 25 से 30 अगस्त तक कराने का निर्देश दिया गया है। ऐसे में शिक्षक संगठन शिक्षकों की बीएलओ ड्यूटी न लगाने की मांग कर रहे हैं।

उत्तर प्रदेश बीटीसी शिक्षक संघ के प्रदेश अध्यक्ष अनिल यादव ने कहा है कि विद्यालयों में वैसे ही शिक्षक कम हैं।अब बीएलओ ड्यूटी लगने से विद्यालय की परीक्षा, पढ़ाई आदि काम प्रभावित होंगे। उन्होंने कहा कि यह स्थानीय चुनाव है। इसमें लेखपाल, सेक्रेटरी, रोजगार सेवक, पंचायत मित्र की ड्यूटी लगाई जाए। इसके बाद भी जरूरत हो तभी शिक्षकों व शिक्षामित्रों की ड्यूटी लगाई जाए।

उन्होंने कहा कि बार-बार शिक्षकों कि ड्यूटी शिक्षण कार्य से इतर लगाने से शिक्षकों में आक्रोश है। शिक्षकों के चयन वेतनमान, पदोन्नति, मेडिकल, ईएल, सीएल देने की मांग पर शासन कोई निर्णय नहीं ले रहा है। इसी तरह शिक्षामित्रों का मानदेय बढ़ाने का मामला कई साल से चल रहा है। शासन और विभाग इस तरफ भी ध्यान दें।



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