
सपा अध्यक्ष अखिलेश यादव व बसपा सुप्रीमो मायावती।
– फोटो : amar ujala
विस्तार
सपा अपने पीडीए फॉर्मूले के तहत बसपा के वोट बैंक पर भी नजर गढ़ाए हुए है। बूथ स्तर पर दलितों के बीच उसके नेता लगातार संपर्क कर रहे हैं, ताकि उन्हें सपा की नीति-रीति से वाकिफ कराया जा सके। उपचुनाव वाले क्षेत्रों में यह काम और भी तेज कर दिया गया है।
दलित जातियों में पैठ की कोशिश
सपा सूत्रों के मुताबिक बूथ स्तर पर दलित जातियों के मतदाताओं से मेल-जोल बढ़ाने की रणनीति पर अमल शुरू कर दिया गया है। उपचुनाव वाले 10 जिलों में जिस बूथ पर जो जाति ज्यादा है, उस जाति के प्रदेश पदाधिकारियों और जनप्रतिनिधियों की भी वहां बैठकें कराई जा रही हैं। सपा बड़ी ही खामोशी से इस योजना पर काम कर रही है।
दिए गए निर्देश
सपा नेतृत्व ने स्थानीय इकाइयों को निर्देश दिए हैं कि जिन बूथों पर पिछले दो चुनावों में कम वोट बढ़े हैं, वहां के जातीय समीकरणों का अध्ययन किया जाए और इसके आधार पर प्रदेश पदाधिकारियों की वहां ड्यूटी लगाने का अनुरोध सपा मुख्यालय पर भेजा जाए। इतना ही नहीं, बसपा सुप्रीमो मायावती के प्रति ज्यादा आक्रामक रुख न रखने के लिए भी कहा गया है ताकि बसपा का आधार माने जाने वाले मतदाताओं की भी सहानुभूति हासिल की जा सके। सपा को उम्मीद है कि इस रणनीति पर चलकर उसे फिलहाल विधानसभा उपचुनाव और बाद में वर्ष 2027 के चुनाव में लाभ मिल सकता है।