UP: Strict action started on not sending students online attendance, salaries of teachers stopped

प्रतीकात्मक तस्वीर
– फोटो : Istock

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उत्तर प्रदेश के परिषदीय विद्यालयों में डिजिटल पंजिकाओं को लेकर एक बार फिर सख्ती शुरू हुई है। शिक्षकों की ऑनलाइन डिजिटल अटेंडेंस पर भले ही रोक लग गई हो, लेकिन छात्रों की उपस्थिति ऑनलाइन (रियल टाइम) पर व मिड-डे-मील की सूचना न भेजने वाले शिक्षकों का वेतन रोकने की कार्यवाही शुरू कर दी गई है। बाराबंकी में 170 विद्यालय के शिक्षकों का वेतन रोकने की संस्तुति की गई है।

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प्रदेश के परिषदीय विद्यालयों के एक दर्जन रजिस्टर को डिजिटल करने की कवायद पिछले दिनों शुरू की गई थी। इसके तहत शिक्षकों की डिजिटल अटेंडेंस भी लगनी थी। किंतु शिक्षकों के विरोध के कारण इसे वापस लेना पड़ा था। वहीं दूसरी तरफ एक बार फिर छात्रों की उपस्थिति व मिड-डे-मील से जुड़ी सूचनाएं रियल टाइम पर प्रेरणा पोर्टल पर न अपलोड करने पर बेसिक शिक्षा विभाग ने सख्ती शुरू कर दी है।

इसके तहत जहां बाराबंकी में त्रिवेदीगंज ब्लॉक के विद्यालयों के शिक्षकों का वेतन रोक दिया गया है। वहीं बरेली, बुलंदशहर, मेरठ आदि में भी शिक्षकों को कारण बताओ नोटिस जारी किया जा रहा है। इसमें कहा गया है कि विद्यालय से जुड़ी सूचनाएं प्रधानाध्यापक व उनके द्वारा नामित शिक्षक की ओर से अपडेट करनी है। ऐसा न करने पर संबंधित शिक्षकों के खिलाफ कार्यवाही की जाएगी।

वहीं इस प्रकरण पर उत्तर प्रदेशीय जूनियर हाईस्कूल शिक्षक संघ की ओर से महानिदेशक स्कूल शिक्षा को पत्र भेजकर नाराजगी व्यक्त की गई है। संघ के प्रांतीय महामंत्री अरुणेंद्र कुमार वर्मा ने कहा कि मुख्य सचिव के साथ हुई वार्ता में डिजिटल अटेंडेंस को स्थगित रखने व एक विशेषज्ञ समिति के गठन की बात कही गई थी। किंतु कुछ जिलों में बीएसए द्वारा ऑनलाइन उपस्थिति व पंजिकाओं के डिजिटलाइजेशन न करने पर शिक्षकों का वेतन रोका जा रहा है। यह मुख्य सचिव के निर्देशों की अवहेलना है। इस मामले में यथास्थिति बनाई रखी जाए।



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