प्रदेश पुलिस में नवचयनित 60,244 सिपाहियों को 112 रीजनल ट्रेनिंग सेंटर्स में प्रशिक्षण प्रदान करने के लिए निरीक्षक, उपनिरीक्षक, मुख्य आरक्षी और आरक्षियों की तैनाती शुरू कर दी गई है। ये सभी कर्मी आगामी 21 जुलाई से 9 माह तक प्रशिक्षण केंद्रों में नवचयनित सिपाहियों को प्रशिक्षित करेंगे। खासकर मानकों के मुताबिक पैडागॉजी प्रशिक्षण देने के लिए 191 निरीक्षक एवं उपनिरीक्षक भेजे गए हैं। इसके अलावा पीटीआई ट्रेनिंग हासिल करने वाले 193 मुख्य आरक्षी एवं आरक्षियों की ड्यूटी भी लगाई गई है।

Trending Videos

बता दें कि आगामी 21 जुलाई से प्रदेश के 10 प्रशिक्षण संस्थानों एवं 102 स्थाई/अस्थाई जनपदीय/पीएसी रीजनल ट्रेनिंग सेंटर्स में नवचयनित सिपाहियों का 9 माह का आधारभूत प्रशिक्षण शुरू होना है। इसके लिए सभी कमिश्नरेट और जिलों से अंत: एवं वाह्य विषयों में पारंगत कर्मियों की बतौर प्रशिक्षक ड्यूटी लगाई गई है। ड्यूटी के बाद ये सभी वापस अपने कमिश्नरेट और जिलों में चले जाएंगे। प्रशिक्षण निदेशालय द्वारा कर्मियों को तत्काल प्रशिक्षण केंद्रों के लिए भेजने का आदेश जारी किया जा चुका है। वहीं, यदि कोई निरीक्षक थाना प्रभारी के पद पर तैनात है तो उसके बारे में निदेशालय को सूचित करने को कहा गया है।

तीन नए कानूनों समेत हर विधा में होंगे माहिर

पैडागॉजी प्रशिक्षण देने के लिए भेजे जा रहे निरीक्षक एवं उपनिरीक्षक नवचयनित सिपाहियों को पुलिसिंग की हर विधा में पारंगत बनाएंगे। बता दें कि एक माह के पैडागॉजी प्रशिक्षण का पाठ्यक्रम बीते वर्ष तैयार किया गया था, जिसमें तीन नए आपराधिक कानूनों के साथ सर्विलांस, तैराकी, योग, खेल, कंप्यूटर, केंद्र और राज्य के विविध अधिनियम, महत्वपूर्ण केस लॉ, फॉरेंसिक साइंस, प्राथमिक चिकित्सा आदि विषयों के बारे में गहन जानकारी दी जाती है। इसके अलावा डायल 112, वीमेन पावर लाइन 1090, साइबर अपराध का सामान्य ज्ञान व हेल्पलाइन नंबर 1930, साइबर पोर्टल की जानकारी, जीपीएस का प्रयोग, डिजिटल साक्ष्य जुटाना और उन्हें संरक्षित करने के बारे में प्रशिक्षण दिया जाएगा। इसके तहत अंत: विषयों की परीक्षा भी होगी, जिसमें न्यूनतम 50 फीसद अंक प्राप्त करना अनिवार्य होगा।

जानिए क्या होती है ये ट्रेनिंग

पेडगोजी ट्रेनिंग (Pedagogy Training) का मतलब है शिक्षण-पद्धति या शिक्षाशास्त्र का प्रशिक्षण। यह शिक्षकों और प्रशिक्षकों को इस बात का ज्ञान और कौशल प्रदान करती है कि वे प्रभावी ढंग से कैसे ट्रेनिंग दें। सरल शब्दों में यह इस बात का अध्ययन है कि कैसे किसी को किसी विषय में ट्रेंड किया जाए। 

 



Source link

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *