संयुक्त अरब अमीरात (यूएई) का शाही परिवार उन्नाव में मत्स्य पालन में बड़ा निवेश करेगा। यूएई के शाही परिवार के सदस्य और एक्वॉब्रिज होल्डिंग्स के चेयरमैन शेख अहमद बिन मना बिन खलीफा अल मकतूम ने 461 मिलियन डॉलर (करीब 4000 करोड़ रुपये) के निवेश को मंजूरी दे दी है। दुबई में मुख्य सचिव मनोज कुमार सिंह ने शेख मकतूम को राज्य सरकार की ओर से पूरे सहयोग का आश्वासन देते हुए यूपी आने का न्योता भी दिया।

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उन्नाव इंडस्ट्रियल कॉरिडोर में होने वाले इस निवेश से राज्य में मत्स्य पालन को नई दिशा मिलेगी और यूपी बड़ा गढ़ बनकर उभरेगा। शाही परिवार की होल्डिंग कंपनी इस रकम का निवेश फिश हैचरी, फिश प्रोसेसिंग प्लांट, सेंटर ऑफ एक्सीलेंस और फिश फीड प्लांट में करेगी। पूरा प्रोजेक्ट यूपी एग्रीज प्रोजेक्ट का हिस्सा होगा। इस बड़े प्रोजेक्ट को यूपी में लाने के लिए विश्व बैंक की भूमिका अहम रही। ऐसे ही एक प्रोजेक्ट में विश्व बैंक और शाही परिवार मॉरीशस में साथ काम कर रहे हैं।

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आठ मई को मुख्य सचिव ने दुबई यात्रा के दौरान अंतरराष्ट्रीय निवेश, रणनीतिक साझेदारी और एक्वॉकल्चर पारिस्थितिकी तंत्र को सुदृढ़ करने की दिशा में कई बैठकें की। प्रदेश सरकार के प्रयासों को वैश्विक मंच पर पेश करते हुए यूपी को एक भरोसेमंद निवेश गंतव्य के रूप में बताया। उन्होंने दुबई स्थित वॉटरफ्रंट मार्केट के आधुनिक मॉडल को देखा। ऐसा ही मॉडल यूपी में मत्स्य उत्पादन और विपणन के लिए विकसित किया जाएगा। यह मार्केट उत्पादकों और खरीदारों को गुणवत्तापूर्ण उत्पाद और बेहतर मूल्य दिलाता है। प्रदेश में यह एक्वॉकल्चर ईकोसिस्टम लखनऊ में स्थापित करने पर विचार किया जा रहा है।

इस दौरान संयुक्त अरब अमीरात के मुख्य व्यापार मध्यस्थ एवं अर्थव्यवस्था मंत्रालय में अंतरराष्ट्रीय व्यापार मामलों के सहायक अवर सचिव जुमा मोहम्मद अल कैत से मुलाकात की। यूएई निवेश मंत्रालय के निदेशक मो. जैनल अलजारूनी और एफडीआई विशेषज्ञ डैनियल रेयमंड सेलर्स के सामने यूपी की निवेश अनुकूल एफडीआई नीति पेश की गई।

एक लाख मत्स्य पालकों को आधुनिक बनाया जाएगा

समझौते का लक्ष्य एक लाख मत्स्य पालकों को अत्याधुनिक तकनीक में प्रशिक्षित करना है। अभी यूपी और बिहार में मत्स्य पालकों के पास मछली के 40 फीसदी बच्चे अवैध रूप से बांग्लादेश से आते हैं। लेकिन, अब यूपी मछली पालन का सबसे बड़ा गढ़ बनकर उभरेगा। उन्नाव में निवेश को अंतिम रूप देने से पहले शाही परिवार की कंपनी के विशेषज्ञों ने उन्नाव के पानी का परीक्षण भी किया था।



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