
स्कूल की सांकेतिक तस्वीर।
– फोटो : अमर उजाला।
विस्तार
प्रदेश के सहायता प्राप्त (एडेड) माध्यमिक विद्यालयों में अयोध्या से शुरू हुई जांच का दायरा काफी विस्तृत होता जा रहा है। विजिलेंस की जांच के दायरे में वर्ष 1981 से 2020 तक नियुक्त लगभग 40 हजार शिक्षक-कर्मचारी आ गए हैं।
पिछले दिनों विजिलेंस ने माध्यमिक शिक्षा निदेशक को पत्र भेजकर कहा था कि विभागीय अधिकारी नियुक्तियों से जुड़े दस्तावेज नहीं उपलब्ध करा रहे हैं। इसकी वजह से जांच प्रभावित हो रही है। इसी क्रम में अब माध्यमिक शिक्षा निदेशक के निर्देश पर जिलों में वर्ष 1981 से 2020 के बीच सहायता प्राप्त विद्यालयों में नियुक्त लगभग शिक्षकों-चतुर्थ श्रेणी कर्मचारियों की भर्ती में गड़बड़ी की बात कहते हुए सभी डीआईओएस को पत्र भेजकर कागजात विजिलेंस को उपलब्ध कराने का निर्देश दिया है। हालांकि जिला स्तर पर इतने पुराने दस्तावेज एकत्र करने व उपलब्ध कराने में दिक्कतें आ रही हैं। वहीं काफी शिक्षक सेवानिवृत्त हो चुके हैं तो कई का निधन भी हो चुका है।
दूसरी तरफ उत्तर प्रदेश माध्यमिक शिक्षक संघ (शर्मा गुट) के प्रदेश उपाध्यक्ष डॉ. आरपी मिश्र का कहना है कि यह जांच कुछ शिक्षकों के खिलाफ होनी थी। इसे अनावश्यक विस्तार दिया जा रहा है। यह षड्यंत्र है और इससे सेवानिवृत्त व कार्यरत शिक्षकों का आर्थिक शोषण शुरू होगा। शिक्षक संघ इसका विरोध करेगा।
प्रोजेक्ट अलंकार से संवरेंगे 130 एडेड माध्यमिक संस्कृत विद्यालय
राजकीय व अशासकीय सहायता प्राप्त (एडेड) माध्यमिक विद्यालयों को संवारने के लिए शुरू की गई प्रोजेक्ट अलंकार योजना से पहली बार संस्कृत विद्यालयों को भी बजट दिया गया है। शासन ने योजना के तहत चयनित 130 विद्यालयों के लिए 34 करोड़ से अधिक की ग्रांट मंजूर की है। योजना के तहत एडेड माध्यमिक संस्कृत विद्यालयों की मरम्मत, पुर्ननिर्माण व अवस्थापना सुविधाओं का काम इस राशि से कराया जाएगा। विभाग के उप सचिव संजय कुमार ने माध्यमिक शिक्षा निदेशक को पत्र भेजकर इसको प्रभावी करने के निर्देश दिए हैं। उन्होंने कहा है कि इस राशि का शासन से 95 फीसदी व संबंधित विद्यालय की ओर से पांच फीसदी राशि दी जाएगी। शासन ने पहली किस्त के रूप में 13.65 करोड़रुपये जारी कर दिए गए हैं। इस राशि के खर्च के लिए एक संयुक्त खाता खोला जाएगा। इसके बाद उपयोगिता प्रमाण पत्र उपलब्ध कराने पर अगली किस्त जारी की जाएगी।