UP Weather Update: Paddy transplanting season made due to late rains, vegetables will be harmed

खेतों पर धान की रोपाई करते किसान
– फोटो : अमर उजाला

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मानसून थोड़ा देर से आया। शुक्रवार को प्रदेश भर के विभिन्न जिलों में झमाझम बारिश हुई जिससे धान की रोपाई का मुफीद समय तैयार हो गया है। हालांकि इस बारिश से जहां खास तौर से कद्दूवर्गीय सब्जियों को नुकसान होगा तो वहीं आम की फसल तेजी से पक जाएगी। उधर, बारिश से पशुओं के लिए चारे का संकट दूर होगा। इसमें चारे की फसल लहलहा उठेगी। बारिश से कई जिलों में जन जीवन भी प्रभावित हुआ और तेज हवा से विद्युत व्यवस्था चौपट हो गई।

अब झमाझम बारिश का सिलसिला शुरू हो गया है। अयोध्या तथा आसपास के जिलों में बल्कि रिमझिम बारिश हुई। ऐसा ही मौसम लखनऊ व आसपास के जिलों में रहा। मुरादाबाद, बरेली तथा आसपास के जिलों में रुक रुक कर बारिश हुई। तेज हवा भी चली जिससे कई जगह फाल्ट के कारण विद्युत व्यवस्था ठप हो गई। उधर मेरठ, बागपत, सहारनपुर, शामली, मुजफ्फरनगर आदि जिलों में सुबह से हल्की बारिश शुरू हुई जो शाम तक कई जिलों में झमाझम रूप में बदल गई। विद्युत अधिकारियों का कहना है कि कहीं लोकल फाल्ट ही हुए हैं।

यह समय खरीफ की बोआई की तैयारियों का है। खरीफ की सबसे अहम फसल धान की रोपाई के लिए बारिश की बेहद दरकार थी। समय से बारिश न होने के कारण कई जगह तो धान की नर्सरियां तक झुलस गई थीं। अब लगातार बारिश हो रही है तो किसानों ने धान की रोपाई शुरू कर दी है। हालांकि आचार्य नरेंद्र देव कृषि विवि अयोध्या के कृषि विशेषज्ञ डा. एपी राव कहते हैं कि दस जुलाई तक धान की बोआई हो जानी चाहिए। अब शायद इसमें देरी होगी क्योंकि बारिश देर से शुरू हुई है। लेकिन किसान तेजी से काम निपटाने की कोशिश करेंगे। वहीं खेतों में चारा, मूंगफली, बाजरा आदि की फसलों को बारिश से लाभ होगा। तेज धूप और गर्मी के कारण खेतों को सिंचाई की जरूरत थी। इस बारिश से खास तौर लौकी, खीरा, तुरई आदि सब्जियां इस बारिश से लगभग खत्म हो जाएंगी। अन्य सब्जियों के लिए बारिश मुफीद रहेगी।

तत्काल पकेगा आम

इस बार बारिश ने आम की फसल के साथ भी आंख मिचौली की। आम की फसल बारिश न होने के कारण देरी से पककर बाजार में आई। अब इस समय पर बारिश हुई तो बची हुई फसल तत्काल पक जाएगी क्योंकि इस समय फसल परिपक्व हो रही है। कृषि विशेषज्ञों के मुताबिक तेजी से पकी सारी फसल एक साथ बाजार में आएगी और तत्काल खत्म हो जाएगी। हालांकि गन्ने के लिए यह बारिश मुफीद साबित होगी।



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