UP: With the general budget, the journey of railway passengers will be safe, these railway sections along with

अब और सुरक्षित होगी रेल यात्रा।
– फोटो : अमर उजाला।

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लखनऊ से कानपुर के बीच रेलखंड को कवच से लैस करने का काम गत वर्ष शुरू कर दिया गया था। इसके तहत ऑप्टिकल फाइबर बिछाने, टॉवर लगाने आदि के काम हो रहे हैं। इतना ही नहीं पश्चिम से लेकर पूरब तक करीब 940 स्टेशनों से चलने वाली ट्रेनों को कवच से राहत हो जाएगी।

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दरअसल, शनिवार को वित्तमंत्री निर्मला सीतारमण ने बजट पेश किया। इसमें रेलवे को लेकर सेफ्टी के बाबत बात की। देश के दो प्रमुख रेल रूटों दिल्ली से हावड़ा व दिल्ली से मुंबई के बीच कवच लगाकर ट्रेनों की सेफ्टी बढ़ाने की बात कही गई है। दिल्ली से हावड़ा की मेन रेलवे लाइन के तहत कानपुर से वाराणसी का रास्ता शामिल है। वहीं लखनऊ कानपुर रूट इसकी कनेक्टिंग लाइन है, जो आगे जाकर वाराणसी व गोरखपुर से मिल जाती है। ऐसे में दिल्ली-हावड़ा रूट के कवच से लैस होने पर उत्तर प्रदेश के एक बड़े हिस्से में चलने वाली ट्रेनों का संचालन सुरक्षित हो जाएगा। 

इसी क्रम में दिल्ली-मुंबई रूट को भी कवच से लैस किया जाएगा। यह रूट झांसी से आगे डायवर्ट होकर निकलता है। रेलवे अधिकारियों के मुताबिक कवच सिस्टम के लैस होने से उत्तर प्रदेश के 940 रेलवे स्टेशनों से चलने वाली ट्रेनों का संचालन सुरक्षित हो जाएगा। उत्तर रेलवे लखनऊ मंडल के डीआएम सचिंद्र मोहन शर्मा ने बताया कि लखनऊ से कानपुर रेलखण्ड पर कवच को लेकर काम तेज कर दिया गया है। इसके बाद वाराणसी, प्रयागराज रूटों पर भी कवच लगाया जाएगा। बता दें कि उत्तर प्रदेश में तीन रेलवे जोन प्रमुख रूप से आते हैं। इसमें उत्तर रेलवे का लखनऊ व मुरादाबाद मंडल, उत्तर मध्य रेलवे का प्रयागराज, झांसी व आगरा मंडल तथा पूर्वोत्तर रेलवे का वाराणसी, लखनऊ व इज्जतनगर मंडल आता है। इन मंडलों के तहत डेढ़ हजार से अधिक रेलवे स्टेशन आते हैं। इसमें कवच सिस्टम से देश की दो प्रमुख रेलवे लाइन लैस होने पर 940 स्टेशनों से चलने वाली ट्रेनों के यात्रियों का सफर सुरक्षित होगा।



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