अभिषेक गुप्ता, अमर उजाला, लखनऊ
Published by: रोहित मिश्र

Updated Wed, 25 Sep 2024 06:24 AM IST

Israeli workers in UP: हमास के हमलों में तबाह इस्राइल को संवार रहे यूपी के श्रमिक अपने राज्य और परिवार की किस्मत भी निखार रहे हैं। इसमें यूपी के युवाओं को बड़ा लाभ मिल रहा है। 



UP: Workers of the state are earning up to Rs 2.5 lakh per month in Israel, earning more than a year in a mont

सर्दियों में एक खेप जा चुकी है इस्राइल
– फोटो : अमर उजाला।

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यूपी के कामगारों के कौशल की चमक विदेश तक फैल गई है। इस्राइल गए यूपी के करीब 5,000 मजदूर मेहनत के दम पर अपने परिवार के साथ-साथ यूपी की अर्थव्यवस्था को भी बदलने का काम कर रहे हैं। वहां ओवरटाइम कर 2.5 लाख रुपये महीने तक कमा रहे हैं। ये मजदूर प्रदेश में अपने परिवारों को हर महीने करीब 100 करोड़ रुपये की विदेशी मुद्रा भेज रहे हैं। पिछले वर्ष इस्राइल ने यूपी से प्लास्टर, टाइल्स फिटिंग, फ्रेमवर्क और वेल्डिंग कामगारों के लिए भर्तियां शुरू की थीं। यूपी से 5000 से अधिक श्रमिकों का चयन किया गया। वे सभी इस्राइल चले गए। करीब 4000 और जाने की तैयारी में हैं। उनकी प्रक्रिया चल रही है। अब इस्राइल ने एक बार फिर 10 हजार निर्माण श्रमिकों की मांग की है।

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15-20 हजार कमाने वाले मजदूर भेज रहे डेढ़ से दो लाख रुपये

हमास के हमलों में तबाह इस्राइल को संवार रहे यूपी के श्रमिक अपने राज्य और परिवार की किस्मत भी निखार रहे हैं। इस्राइली टीम के मुताबिक प्रदेश के श्रमिक मेहनती हैं। उनका वेतन 1.37 लाख रुपये महीने से शुरू होता है लेकिन ओवरटाइम कर 2.5 लाख रुपये महीना तक कमा रहे हैं। साथ ही इसका बड़ा हिस्सा घरों में भेज रहे हैं। यह जानकर हैरत होगी कि यहां महीने में 15-20 हजार रुपये महीना कमाने वाले ये श्रमिक डेढ़ से दो लाख रुपये महीना अपने घरों में भेज रहे हैं। विदेशी मुद्रा में मिलने वाली ये रकम लगभग 100 करोड़ रुपये महीना है। अगले एक वर्ष में ये बढ़कर 300 करोड़ रुपये महीने तक पहुंच जाएगी क्योंकि करीब 14 हजार श्रमिक और इस्राइल पहुंच जाएंगे।

अंतरराष्ट्रीय कार्यानुभव से दुनिया भर में मिलेंगे रोजगार के अवसर

प्रशिक्षण एवं सेवायोजन निदेशालय के अपर निदेशक पीके पुंडीर के मुताबिक अभी दो से तीन वर्ष के कॉन्ट्रेक्ट पर ये श्रमिक गए हैं। इस अवधि में वे इस्राइली माहौल में ढल जाएंगे। संभावना है कि उनकी वीजा अवधि को बढ़ा दिया जाएगा। इसके बाद जव ये श्रमिक लौटेंगे तो अंतरराष्ट्रीय कार्यानुभव की वजह से दुनिया भर में उनके लिए रोजगार के दरवाजे खुल जाएंगे। देश के साथ ही विदेशी कंपनियां भी उन्हें हाथोंहाथ लेंगी। यही वजह है कि प्रदेश सरकार उनके कौशल को निखारने और प्रमाणित करने के लिए विशेष प्रशिक्षण सत्र चला रही है।



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